ख़बर रफ़्तार, रामनगर: प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर के टीले का सुरक्षात्मक का कार्य चल रहा है. मजदूर युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं. मकसद ये है कि 1 जुलाई से मंदिर को व्यवस्थित कर लिया जाए, जिससे दर्शनार्थी गर्जिया देवी मंदिर आकर माता के दर्शन कर सकें.
नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर में 10 मई से लेकर 30 जून तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाई गई थी. यह निर्णय स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने लिया है. दरअसल प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर कोसी नदी के बीचों-बीच एक ऊंचे टीले पर स्थित है. साल 2010 में आई बाढ़ के चलते मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं. जिसके बाद से लगातार ये दरारें बढ़ रही थी. इससे जहां एक ओर माता के मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया था, तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ा खतरा हो सकता था.
बता दें कि मंदिर के टीले पर आई दरार के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंदिर परिसर का निरीक्षण किया था. सीएम ने मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया था. मंदिर में आई दरारों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से साढ़े पांच करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी गई है. मंदिर के टीले का कार्य दो फेज में किया जा रहा है. पहले फेज की धनराशि 5 करोड़ 50 लाख है.
मंदिर के पुजारी जितेंद्र पांडे ने बताया कि मंदिर का कार्य संस्था द्वारा तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंदिर को 18 मई से 30 जून तक के लिए दर्शनार्थियों के लिए सुरक्षा के मद्देनजर बंद किया गया है. उन्होंने कहा की उम्मीद है 30 जून तक इस मंदिर का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो मजदूर इस मंदिर का कार्य में जुटे हैं, वह अपनी स्वेच्छा से आठ नहीं बल्कि 9 से 10 घंटा भी कार्य कर रहे हैं. उन मजदूरों का मकसद भी यही है कि मंदिर का कार्य 30 जून तक पूरा कर लिया जाये, जिससे 1 जुलाई से इस मंदिर में दर्शनार्थी दर्शन कर सकें. बता दें कि आने वाला समय बरसात का है. जिसको देखते हुए भी मंदिर के टीले का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है. उम्मीद है कि 1 जुलाई से दर्शनार्थी पुनः मां गर्जिया के दर्शन कर पाएंगे.
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