रानीखेत विधायक ने कांग्रेस पर लगाया षडयंत्र रचने का आरोप, जमीन कब्जे के आरोपों को बताया निराधार

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ख़बर रफ़्तार, अल्मोड़ा: रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल पर एक महिला द्वारा उनकी पुश्तैनी जमीन को हड़पने का आरोप लगाने के बाद अब इस मामले में विधायक नैनवाल भी खुलकर सामने आ गए हैं. विधायक का कहना है कि यह पूरी घटना कांग्रेस पार्टी का एक षडयंत्र है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के नेता उनकी लोकप्रियता और विधानसभा में हो रहे निरंतर विकास कार्यों को देखकर घबरा गए हैं. इसलिए वह उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने की साजिश रच रहे हैं.

भूमि विवाद के सामने आने के बाद रविवार को अल्मोड़ा में बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उनके विरोधी लगातार उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि जिस जमीन पर उनके द्वारा कब्जा किए जाने की बात की जा रही है, उसे वर्ष 2010 और 2015 में खरीदा गया है. जिसके दस्तावेज उनके पास हैं. लेकिन संबंधित महिला द्वारा राजस्व विभाग में इस बात की शिकायत करने के बजाय देहरादून जाकर मुझ पर आरोप लगाकर मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई है. विधायक नैनवाल ने कहा है कि यह वही जमीन है, जिसे उनके विरोधी उद्यान घोटाले से जोड़ रहे हैं. उन्होंने इस पूरे मामले को एक सोची समझी साजिश करार दिया है. नैनवाल ने कहा है कि वह शीघ्र ही इस पूरे मामले में कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं.

कांग्रेस ने राज्यपाल को भेजा था ज्ञापन

विगत दिनों कांग्रेस पार्टी ने नैनीताल जिले के ग्राम च्यूनी गांव निवासी एक महिला की जमीन रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल व उसके भाई सतीश नैनवाल द्वारा जबरन कब्जाने के आरोप पर राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा था. विधायक पर अनेक आरोप लगा उनकी विधायकी को समाप्त करने की मांग की थी.

कांग्रेस ने रानीखेत विधायक पर आरोप लगाया था कि वह जनप्रतिनिधि के सारे मूल्यों को ताक पर रखते हुए आये दिन अनैतिक काम कर रहे हैं. रानीखेत विधानसभा क्षेत्र और अन्य विधानसभा क्षेत्रों के सौहार्दपूर्ण माहौल को खराब करने पर उतारू हैं. कांग्रेस ने मांग की है कि उद्यान घोटाले की सीबीआई जांच, गरीब परिवारों की निजी जमीनों को जबरन हड़पने व सरकारी वन विभाग की जमीनों को कब्जाने आदि मामलों में नाम आने पर रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल की विधायकी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर न्यायोचित कार्रवाई की जाए.

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