
देहरादून :फर्जी डॉक्टरों को बीएएमएस की डिग्रियां बेचने वाले मुजफ्फरनगर के हिस्ट्रीशीटर इमलाख पर पुलिस एक लाख का इनाम घोषित करने जा रही है। इसके लिए मुख्यालय ने जिला पुलिस से प्रस्ताव मांगा है। इससे पहले जिला पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। इसके बाद गढ़वाल रेंज में इनाम को बढ़ाया जाएगा
जनवरी के पहले हफ्ते में एसटीएफ ने फर्जी डॉक्टरों के रैकेट का खुलासा किया था। उस वक्त दो फर्जी डाॅक्टरों और उन्हें डिग्री मुहैया कराने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को कर्नाटक के एक विवि की डिग्री सात से आठ लाख रुपये में बेची गई थी। एसटीएफ की शुरुआती जांच में डिग्री फर्जी पाई गई। आरोप था कि इन डॉक्टरों का भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमसी) में भी फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराया गया है।
इसमें कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है। अब इस मामले की जांच जिला पुलिस की एक विशेष टीम कर रही है। अब तक सात फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं, डिग्री बेचने का मुख्य आरोपी मुजफ्फरनगर निवासी इमलाख फरार है। इस पर अब इनाम घोषित करने की तैयारी है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि जिला पुलिस से प्रस्ताव मांगा गया है। जिला पुलिस के इनाम घोषित करने के बाद अब मुख्यालय से भी एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया जाएगा। इसके साथ ही इमलाख पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।
आईएमसी ने क्यों नहीं दर्ज कराया मुकदमा
तीन दिन पहले रायपुर से गिरफ्तार हुए चार फर्जी डॉक्टरों का खेल पहले ही पकड़ में आ चुका था। आईएमसी ने वर्ष 2021 में उनका रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिया था। लेकिन, कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया। आईएमसी की इस लापरवाही पर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं।
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