
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली : पाकिस्तान के फर्जी दावों का भंडाफोड़ करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ‘हमारे पास सबूत हैं कि उनका एक सी-130 श्रेणी का विमान, कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमान, जिनमें एफ-16 शामिल हैं, इनके साथ ही एक एसएएम सिस्टम को भी तबाह किया गया। हमारे सिस्टम से ये जानकारी मिली है।’

वायुसेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को पाकिस्तान के खोखले दावों की हवा निकालते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे हवाई हमलों में पाकिस्तान के चार से पांच लड़ाकू विमान तबाह हुए। जिनमें पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 लड़ाकू विमान भी शामिल थे। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया और उनके रडार्स, कमांड सेंटर, हैंगर आदि को निशाना बनाया।
पाकिस्तान को हुए नुकसान की दी पूरी जानकारी
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान की जानकारी देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ‘जहां तक ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान की बात है, हमने उनके कई एयरफील्ड और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। हमारे हमलों के चलते उनके कम से कम चार रडार्स, दो कमांड और कंट्रोल सेंटर, दो जगहों पर रनवे, तीन अलग-अलग जगहों पर स्थित उनके हैंगर्स को नुकसान पहुंचाया। हमारे पास सबूत हैं कि उनका एक सी-130 श्रेणी का विमान, कम से कम चार से पांच लड़ाकू विमान, जिनमें एफ-16 शामिल हैं, इनके साथ ही एक एसएएम सिस्टम को भी तबाह किया गया। हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं और हमारे सिस्टम से ये जानकारी मिली है।’
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस से खरीदे गए एस-400 सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी और पाकिस्तान के हर हवाई हमले को नाकाम कर दिया था। जब इसे लेकर सवाल किया गया तो वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ‘जाहिर है, इसने अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए, ऐसे और अधिक सिस्टम की जरूरत है। ये कितनी संख्या में खरीदे जा सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है। यह एक अच्छी हथियार प्रणाली साबित हुई है। हमारी अपनी प्रणाली भी विकसित हो रही है, इसलिए हम इस पर हर तरह से विचार करेंगे।’
उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के बारे में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, ‘जहां तक मैं समझता हूं, यह इसी दशक में उड़ान भरेगा। करीब 2028 में इसकी पहली उड़ान की योजना है और 2035 तक, इसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाना है। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि अगर हम वास्तव में चाहें, तो इसे समय-सीमा से पहले हासिल किया जा सकता है। यह संभव है। और जहां तक तकनीक का सवाल है, AMCA तकनीक हमारे दिमाग में बिल्कुल स्पष्ट है कि हमें क्या चाहिए और क्या जरूरी है और यह कहां और कैसे उपलब्ध है।’
‘एलसीए मार्क2 हमारी योजना में बहुत अहम’
भारतीय वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘जहां तक LCA Mk2 का सवाल है, मेरे हिसाब से, LCA Mk2, Mk1A का ही विस्तार है। दोनों एक ही श्रेणी के विमान हैं, लेकिन एमके2 ज्यादा हथियार ले जाने में सक्षम होगा। यह रेंज और सहनशक्ति के मामले में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाएगा। यह बड़े हथियार ले जाने में सक्षम होगा। इसलिए यह हमारी योजना में बहुत महत्वपूर्ण है।’
SU-57 के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हमें सभी विकल्पों पर विचार करना होगा, और रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना में किसी भी हथियार प्रणाली को शामिल करने की एक निश्चित प्रक्रिया है, और उसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। इसलिए जो भी आएगा वह इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन सी जरूरतें पूरी होती हैं और हमारे लिए क्या सबसे अच्छा है।’

+ There are no comments
Add yours