
खबर रफ़्तार ,काशीपुर : काशीपुर के कुंडा मुठभेड़ को लेकर चर्चा में आए खनन माफिया जफर पर मुरादाबाद एडीजी जोन राजकुमार ने शुक्रवार को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया। इसके साथ ही एडीजी ने कहा है कि जफर को शरण देने वाले को भी दोषी माना जाएगा। उसके विरुद्ध अपराधी को संरक्षण देने की धारा में कार्रवाई की जाएगी। जफर की गिरफ्तारी के लिए पांच अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। 12 अक्टूबर को मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा पुलिस खनन माफिया जफर की तलाश में थी। पुलिस ने उसकी घेराबंदी की तो उसने एसओजी टीम पर फायर झोंक दिया। आरोपित का पीछा करते-करते पुलिस उत्तराखंड के कुंडा पहुंच गई। आरोपित एक घर में छुप गया। एसओजी टीम ने जब वहां दबिश दी, तब बवाल बढ़ गया। क्षेत्रीय लोगों ने एकजुट होकर पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी। फायरिंग में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई और दो पुलिसकर्मियों को भी गोली लग गई। घटना के बाद उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की पुलिस आमने-सामने है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इधर, यूपी पुलिस खनन माफिया जफर पर शिकंजा कसती जा रही है। एडीजी जोन राजकुमार ने माफिया पर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया है।
गुरताज के परिवार का भी रहा है आपराधिक इतिहास
यूपी पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस पर अब अपना पेंच कसना शुरू कर दिया है। मामले में कुंडा के चार नामजद और 35 अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 186, 212, 224, 225, 307, 395, 397, 332, 333, 339, 340, 342, 353, 120, बी और आयुध अधिनियम 1959 की धारा 25 (1-बी) (ए) में केस दर्ज किया गया है।मुरादाबाद डीआईजी ने बताया कि जफर अली को शरण देने वाले के अपराधिक इतिहास के बार भी जानकारी दी गई है। डीआईजी ने बताया कि ब्लाक प्रमुख गुरताज सिंह पर 03, भाई सुखविंदर सिंह पर 09, चाचा सतनाम सिंह पर 11 व जगतार सिंह पर 23 मुकदमे दर्ज है।
उत्तराखंड के शरणदाताओं पर अब यूपी पुलिस की नजर
यूपी पुलिस ने अवैध खनन सिंडीकेट चलाने वालों पर नकेल कसने के साथ- साथ पुलिस उत्तराखंड में बैठे शरणदाताओं की कुंडली भी खंगालनी शुरू कर दी है। मामले में अनौपाचारिक रूप से यूपी के उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दे दी गई है। उत्तराखंड में खनन से जुड़े माफियाओं काे लेकर उन्होंने दर्ज मुकदमों की कुंडली बनानी शुरू कर दी है।
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