ख़बर रफ़्तार, नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर के एकमात्र जिला पुरुष चिकित्सालय बीडी पांडे में कई स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा है कि राज्य सरकार ने अस्पताल में सुविधाओं को लेकर जो प्लान भेजा है, उस पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दें.
बीडी पांडे अस्पताल की सुविधाओं पर सुनवाई
पूर्व में कोर्ट ने माना था कि अब भी नैनीताल शहर में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है. इसको सुधारने के लिए कोर्ट ने नगर के जागरूक नागरिकों, एनजीओ और अधिवक्ताओं से अपनी राय जुलाई माह तक पेश करने को कहा था, ताकि यहां पर एम्स जैसी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकें. लेकिन अभी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सुझाव नहीं आया.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून में जल धाराओं, जल स्रोतों, पर्यावरण संरक्षण सहित नदियों पर मंडरा रहे खतरे और पर्यावरण संरक्षण को लेकर दायर अलग अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. सभी मामलों की एक साथ सुनवाई करते मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूर्व में दिए गए आदेशों की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है.
मामले के अनुसार देहरादून निवासी अजय नारायण शर्मा, रेनू पाल व उर्मिला थापर ने उच्च न्यायालय में अलग अलग जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून में सहस्त्रधारा में जलमग्न भूमि में भारी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. इससे जल स्रोतों के सूखने के साथ ही पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा है. दूसरी याचिका में कहा गया है कि ऋषिकेश में नालों, खालों और ढांग पर बेइंतहा अतिक्रमण और अवैध निर्माण किया गया. याचिका में यह भी कहा गया है कि देहरादून में 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़, डोईवाला में 15 एकड़ करीब नदियों की भूमि पर अतिक्रमण किया है.
+ There are no comments
Add yours