खबर रफ़्तार, भोपाल: भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के लिए कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई। जल जीवन मिशन की पुनरीक्षित योजनाओं में 2,813 करोड़ रुपये की वृद्धि को स्वीकृति दी गई, वहीं इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड मार्ग, उज्जैन में नया रेलवे ओवरब्रिज और नर्मदापुरम-टिमरनी मार्ग निर्माण को भी हरी झंडी मिली। इन परियोजनाओं से प्रदेश में पेयजल, सड़क और यातायात सुविधाओं को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के बुनियादी ढांचे और पेयजल आपूर्ति को मजबूत करने वाले कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में जल जीवन मिशन की पुनरीक्षित योजनाओं सहित इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड मार्ग, उज्जैन रेलवे ओवर ब्रिज और नर्मदापुरम-टिमरनी मार्ग के लिए कुल 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
इंदौर-उज्जैन के बीच 48.10 किमी लंबा ग्रीन फील्ड एक्सेस कंट्रोल मार्ग बनाने के लिए 2,935 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। यह मार्ग 4 लेन का होगा, दोनों ओर सर्विस रोड भी बनेंगी। परियोजना में 34 अंडरपास, 2 फ्लाईओवर, 1 आरओबी और 7 बड़े पुल बनेंगे। कंसेशन अवधि 17 साल तय की गई है।पूर्व में जारी लोक निर्माण विभाग को प्रदान की गई प्रशासकीय स्वीकृति को निरस्त करते हुए परियोजना को “हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल” पर किए जाने की स्वीकृति प्रदाय की गई।
सिंहस्थ से पहले उज्जैन में नया रेलवे ओवर ब्रिज
सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के हरिफाटक रेलवे क्रॉसिंग पर 4 लेन और नीलकंठ द्वार तक 980 मीटर लंबे रेलवे ओवर ब्रिज के लिए 371 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
नर्मदापुरम-टिमरनी मार्ग का कायाकल्प
नर्मदापुरम से टिमरनी के बीच 72.18 किमी लंबा दो लेन पेव्हड शोल्डर मार्ग बनाने के लिए 972 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इसमें भूमि अधिग्रहण की राशि भी शामिल है। इस मार्ग पर 2 अंडरपास, 4 बड़े पुल, 37 मध्यम पुल और 52 छोटे निर्माण कार्य होंगे। इसे “हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) के तहत बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त जंक्शन सुधार, सुरक्षा उपाय, रोड मार्किंग और रोड फर्नीचर का कार्य भी किया जायेगा। मार्ग निर्माण और संधारण की कंसेशन अवधि 17 वर्ष रहेगी।
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