ख़बर रफ़्तार, इंदौर: बस्ती में पांच दिन में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग बीमार हुए हैं। फिलहाल 15 लोग अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें उल्टी दस्त और कमजोरी की शिकायत है। इस घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी देरी से जागा।
इंदौर के भागीरथपुरा बस्ती में बीते पांच दिन से उल्टी और दस्त की शिकायत लेकर आने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। मंगलवार को भी कुछ लोग अस्पताल पहुंचे। वहीं इलाज के लिए भर्ती एक बुर्जुग व्यक्ति की मौत हो गई। उल्टी और दस्त के कारण उसे कमजोरी आ गई थी। सुबह कुछ मरीजों को परदेशीपुरा के अस्पताल से छुट्टी भी हो गई है। दूषित पेयजल की आशंका के चलते नगर निगम ने टैंकरों से मंगलवार को बस्ती में जलापूर्ति की। अफसरों ने भी बस्ती का दौरा किया है। बस्ती से पानी के जो नमूने लिए हैं, उनकी रिपोर्ट मंगलवार को आएगी।
पांच दिन में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग बीमार हुए हैं। फिलहाल 15 लोग अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें उल्टी दस्त और कमजोरी की शिकायत है। इस घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी देरी से जागा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रशासन को जरूरी निर्देश दिए हैं। सोमवार रात मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के दौरे के बाद डाॅक्टर मरीजों की जानकारी जुटाने अस्पताल पहुंचे। इलाज के लिए वर्मा अस्पताल में भर्ती नंदलाल पाल की मौत हुई। उनकी उम्र 80 वर्ष थी। उनकी मौत की पुष्टि क्षेत्रीय पार्षद कमल वाघेला ने भी की है।
बस्ती में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात की गई है। जिन लोगों को दस्त और उल्टी की शिकायत हो रही है। उन्हें दवाएं दी जा रही हैं। मंगलवार सुबह मेयर पुष्य मित्र भार्गव, पार्षद कमल वाघेला के साथ बस्ती पहुंचे और जलापूर्ति की स्थिति देखी। नर्मदा विभाग के अफसरों का कहना है कि पानी की जांच की गई है। प्रारंभिक तौर पर पानी दूषित नहीं पाया गया।
बस्ती में डायरिया किस वजह से फैला। इसकी जांच के लिए पानी के सैंपल लिए गए हैं। रहवासियों का कहना है कि बस्ती में दूषित पेयजल की सप्लाई हो रही है। नलों में पहले गंदा पानी आता है। फिर कुछ देर के लिए साफ पानी मिलता है। कई बार गंदे पानी की शिकायत अफसरों से की गई, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ। मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना है कि पांच दिन से बस्ती के लोग आ रहे हैं। पतले दस्त और उल्टी ज्यादा होने से शरीर में कमजोरी आ गई है। रोज पांच-सात मरीज आ रहे हैं। सभी में डायरिया के लक्षण पाए गए हैं, हालांकि खतरे की बात नहीं है।
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