खबर रफ़्तार, देहरादून: उत्तराखंड में कल यानी 19 जुलाई से मानसून के तेवर नरम पड़ने के आसार हैं। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि अभी अगले पांच दिन प्रदेशभर में हल्की वर्षा के दौर जारी रहेंगे।
जबकि, मंगलवार के लिए विभाग ने देहरादून, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पौड़ी में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
छह दिन तक हुई मूसलधार वर्षा ने प्रदेश में चुनौतियों का पहाड़ खड़ा कर दिया था। इसके बाद दो दिन मौसम साफ रहा तो पहाड़ से मैदान तक तेजी से राहत कार्य किए गए। तब से छिटपुट वर्षा के दौर जारी हैं।
सोमवार को भी राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम ठीक रहा। शाम तक प्रदेश में अवरुद्ध हुए 249 मार्गों में से 143 मार्ग खोले जा चुके थे। चमोली में बदरीनाथ हाईवे को छोड़ दें तो चारधाम यात्रा मार्गों पर भी यातायात सुचारु रहा।
254 गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से बहाल
चमोली में गत रात्रि हुई वर्षा से बदरीनाथ हाईवे सोमवार को बाजपुर और पीपलकोटी में सात घंटे बंद रहा। मार्गों पर मलबा आने से अलग-थलग पड़े 503 गांवों में से 254 गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से बहाल हो गया है। अब 10 गांवों में ही बिजली आपूर्ति बाधित है। संचार सेवा भी पटरी पर आ रही है। चीन सीमा के लिए आवाजाही शुरू चमोली में बीआरओ ने मलारी-सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल को दुरुस्त कर चीन सीमा के लिए आवाजाही शुरू करा दी है।
पिथौरागढ़ में 16 दिन बाद चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग खोल दिया गया। हालांकि, मार्ग की स्थिति को देखते हुए आदि कैलास यात्रा सितंबर तक स्थगित कर दी गई है। मलबे में दबा ग्रामीण, मौत रविवार देर शाम कर्णप्रयाग के नारायणबगड़ क्षेत्र में निर्माणाधीन मोटर मार्ग पर पहाड़ी से आए मलबे में दबकर एक ग्रामीण की मौत हो गई। रुद्रप्रयाग में सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण मोटरमार्ग क्षतिग्रस्त होने से त्रियुगीनारायण और अंतिम गांव तोषी का संपर्क कट गया है। बागेश्वर के कपकोट में भूस्खलन से गोशाला ध्वस्त हो गई, जिसमें छह बकरियां जिंदा दफन हो गईं।

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