खबर रफ़्तार,नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता ने खुद को राष्ट्रपति बनाए जाने के लिए निर्देश देने की मांग की थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई। बता दें कि याचिका पर्यावरणविद किशोर सावंत की तरफ से दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर नाराजगी जाहिर की और तुच्छ और अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता के आरोप रिकॉर्ड से हटा दिए हैं। कोर्ट ने अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश देते हुए कहा कि अगर भविष्य में इसी मुद्दे पर याचिका दायर की जाती हैं, तो उस पर ध्यान ना दिया जाए।
राष्ट्रपति के खिलाफ कैसे आरोप लगाए?
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बिना किसी जिम्मेदारी के याचिका में लगाए गए आरोपों पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने पूछा, ‘आपने भारत के राष्ट्रपति के खिलाफ किस तरह के अपमानजनक आरोप लगाए हैं?’
ऐसी याचिकाओं पर समय नहीं ले सकते- कोर्ट
याचिकाकर्ता ने कहा कि देश के नागरिक के रूप में उन्हें सरकारी नीतियों और प्रक्रियाओं से लड़ने का पूरा अधिकार है। जज इस बात से सहमत हुए। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसी तुच्छ याचिका को दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। आप सड़क पर बाहर खड़े होकर भाषण दे सकते हैं, लेकिन आप अदालत में आकर ऐसी तुच्छ याचिकाओं में समय नहीं ले सकते।
क्या थी याचिकाकर्ता की मांग?
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने खुद को 2022 में हुए राष्ट्रपति चुनाव उम्मीदवाप के रूप में मानने का निर्देश देने, भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनकी नियुक्ति के निर्देश देने की मांग की है।
+ There are no comments
Add yours