ख़बर रफ़्तार, देहरादून: एमिग्डाला, हिपोकैंपस और प्रेफ्रंटल कॉर्टेक्स के सर्किट में गड़बड़ी से बॉर्डर पर्सनैलिटी डिसॉर्डर का खतरा बढ़ गया है। जिला चिकित्सालय के मनोरोग विभाग में हर महीने पांच मरीजों में बीमारी की पुष्टि हो रही है।
कहते हैं मोहब्बत में हद की सभी दीवारें टूट जाती हैं। अपने हमसफर की खुशी के लिए कोई कुछ भी कुर्बान कर सकता है। इसका सबसे उच्च स्तर मानसिक बीमारी के संकेत देता है, विशेषज्ञ जिसे बॉर्डर पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के रूप में पहचानते हैं। जिला चिकित्सालस में इस बीमारी से जूझने वाले हर महीने करीब पांच मरीज पहुंच रहे हैं।
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक मस्तिष्क के तीन अलग-अलग हिस्सों, जिसमें एमिग्डाला, हिपोकैंपस और प्रेफ्रंटल कॉर्टेक्स मुख्य रूप से शामिल है। इनमें मौजूद सर्किट जब असंतुलित होते हैं, तो ऐसी स्थिति में बॉर्डर पर्सनैलिटी डिसॉर्डर नाम का मानसिक विकार पैदा होता है। यह विकार ग्रसित व्यक्ति की भावनाओं और विचारों को अनियंत्रित कर देता है।

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