खबर रफ़्तार, नई दिल्ली: हरियाणा के महेंद्रगढ़ से भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह ने शीतकालीन सत्र में गुरुवार को लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को एक ‘खतरनाक बीमारी’ बताया और इसे समाज से खत्म करने की जरूरत बताया। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से इसके खिलाफ कानून बनाने का भी आग्रह किया।
धर्मबीर सिंह ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि प्रेम विवाह में तलाक की दर अधिक है। इसलिए ऐसे रिश्तों के लिए दूल्हा और दुल्हन के माता-पिता की सहमति अनिवार्य बनाई जानी चाहिए।
भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम के लिए जानी जाती है
भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद ने कहा, “मैं सरकार और संसद के ध्यान में एक बहुत ही गंभीर मुद्दा लाना चाहता हूं। भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम और भाईचारे के दर्शन के लिए जानी जाती है। हमारा सामाजिक ताना-बाना दुनिया में दूसरों से अलग है। पूरी दुनिया हमारी विविधता में एकता से प्रभावित है।”
भारत में व्यवस्थित विवाह की लंबी परंपरा
भारत में व्यवस्थित विवाह की लंबी परंपरा को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा, समाज का एक बड़ा वर्ग आज भी माता-पिता या रिश्तेदारों द्वारा तय विवाह को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा, इसमें दूल्हा-दुल्हन की सहमति होती है। विवाह में सामाजिक और व्यक्तिगत मूल्यों और पसंद के साथ-साथ पारिवारिक पृष्ठभूमि जैसे कई सामान्य चीजों को देखा जाता है।
शादी को एक पवित्र रिश्ता माना जाता
उन्होंने कहा, “शादी को एक पवित्र रिश्ता माना जाता है जो सात पीढ़ियों तक चलता है। भारत में तलाक की दर लगभग 1.1 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में यह दर लगभग 40 प्रतिशत है। यह देखा गया है कि व्यवस्थित विवाह में तलाक की दर बहुत कम है। हालांकि, हाल ही में तलाक की दर में काफी वृद्धि हुई है और इसका मुख्य कारण प्रेम विवाह है।”
माता-पिता की सहमति अनिवार्य कर दी जाए
सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि इसको देखते हुए मेरा सुझाव है कि प्रेम विवाह में दूल्हा-दुल्हन के माता और पिता की सहमति अनिवार्य कर दी जाए, क्योंकि देश के बड़े हिस्से में एक ही ‘गोत्र’ में शादी नहीं होती है और प्रेम विवाह के कारण एक गांवों में बहुत झगड़े होते हैं।
उन्होंने कहा कि इन झगड़ों में सैकड़ों परिवार खत्म हो जाते हैं, इसलिए दोनों परिवारों की सहमति जरूरी है।
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