
खबर रफ़्तार, नई दिल्ली/सना : केरल की भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या मामले में 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जानी थी। भारत सरकार के प्रयास के बाद यमन के स्थानीय अधिकारियों ने निमिषा की सजा स्थगित कर दी है।
केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में होने वाली फांसी की सजा टल गई है। निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में फांसी की सजा दी जानी थी। केरल के प्रभावशाली सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार और भारत सरकार के हस्तक्षेप से हो रही बातचीत के बाद यमन के स्थानीय अधिकारियों ने निमिषा की सजा स्थगित कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा था- यमन से चल रही बातचीत
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में भी निमिषा की फांसी को सजा रुकवाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल (एजीआई) ने कहा कि भारत सरकार प्रिया की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि बातचीत जारी रहने तक प्रिया के मामले को देख रहे सरकारी वकील सहित यमन के अधिकारियों के साथ फांसी के आदेश को निलंबित करने के लिए बातचीत चल रही है।
सुन्नी मुस्लिम नेता ने भी किए प्रयास
मामले में सरकार के साथ ही केरल के प्रभावशाली सुन्नी मुस्लिम नेता कंथापुरम ए पी अबूबकर मुसलियार ने भी यमन में बातचीत की पहल की। मुसलियार के जरिये यमन के एक प्रमुख सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हफीज के प्रतिनिधि और मृतक तालाल अब्दो महदी के परिवार के बीच बातचीत हुई। इस बीच मुसलियार ने यमन सरकार से अनुरोध किया था कि जब तक ये बातचीत चल रही है, तब तक निमिषा प्रिया की फांसी को टाल दिया जाए।
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