खबर रफ़्तार, पिथौरागढ़ : कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा रहे 45 श्रद्धालुओं का पहला जत्था बृहस्पतिवार को 17,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित लिपुलेख दर्रे से चीनी स्वामित्व वाले तिब्बत में प्रवेश कर गया। यात्रा की नोडल एजेंसी कुमांउ मंडल विकास निगम के सूत्रों ने बताया कि श्रद्धालुओं ने सुबह पौने नौ बजे लिपुलेख दर्रा पार कर तिब्बत में प्रवेश किया। निगम के धारचूला आधार शिविर के प्रभारी धनसिंह बिष्ट ने बताया, ‘‘तिब्बत जाते समय दल के सभी सदस्य बहुत प्रसन्न थे।’’
तिब्बत जाने से पहले, श्रद्धालु मंगलवार को गुंजी से 4104 फुट की ऊंचाई पर स्थित नाभीढांग पहुंचे। अगले दिन वह वहीं ठहरे जिससे खुद को वातावरण के अनुकूल ढालने का उन्हें समय मिल सके। तिब्बत में अपने प्रवास के दौरान श्रद्धालु तकलाकोट, दारचेन, डेरा फुक, जुंगघुई पू और कुगू नामक स्थानों पर रूकेंगे और पवित्र कैलाश पर्वत तथा मानसरोवर झील के दर्शन तथा परिक्रमा करेंगे। यह जत्था लिपुलेख दर्रें से होकर 18 जुलाई को भारतीय भूभाग में लौट आएगा और उस दिन बूंदी शिविर में विश्राम करेगा।
इस बीच, 48 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था धारचूला आधार शिविर से गुंजी के लिए रवाना हो गया। दूसरे जत्थे में 34 पुरूष और पूर्व सांसद मीनाक्षी लेखी समेत 14 महिला श्रद्धालु शामिल हैं। इस वर्ष लिपुलेख दर्रे के जरिए पांच जत्थों में करीब 250 श्रद्धालु कैलाश मानरोवर की यात्रा पर जाएंगे।
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