14 C
London
Saturday, July 27, 2024
spot_img

हिंदी दिवस 2023: हिंदी को विश्व गौरव दिलाने के लिए 41 साल से शोध कर रहे डॉ. जयंती, ऐसे की प्रामाणिक सिद्ध

खबर रफ़्तार, देहरादून:  हिंदी को विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा का गौरव दिलाने के लिए दून के डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल बीते 41 साल से शोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि वर्तमान में हिंदी विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। उन्होंने अपने शोध पत्र विश्व में भाषाओं की रैंकिंग करने वाली अमेरिकी संस्था एथ्नोलोग को भेजे हैं। जबकि एथ्नोलोग संस्था हिंदी को विश्व में तीसरे स्थान पर रखती है।

मूल रूप से पौड़ी जिले के रहने वाले डॉ. जयंती ने बताया, हिंदी भाषा की रैकिंग के संबंध में साल 2005 में उन्होंने एथ्नोलोग को अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके साथ ही उन्होंने अपने शोध की प्रति भी भेजी थी। उस दौरान एथ्नोलोग के तत्कालीन संपादक पॉल लेविस ने 15वें संस्करण के प्रकाशन का कार्य पूरा होने की बात कहकर अगले संस्करण में प्रकाशित करने की बात कही थी। लेकिन वह नहीं हो पाया।

शोध प्रामाणिक सिद्ध हुई
बताया, वह हर दो साल में अपने शोध पत्रों का नवीनतम संशोधित संस्करण एथ्नोलोग को जारी करते हैं। डॉ. जयंती ने बताया उन्होंने अपने शोध की प्रामाणिकता सिद्ध करने के लिए 30 चरणों में परीक्षण किया। जिसमें शोध पर विश्वविद्यालयों में विद्वानों के विचार-विमर्श, विशिष्ट संगोष्ठियों में परीक्षण, भाषा प्राधिकारियों का परीक्षण, भाषाविदों एवं हिंदी के विद्वानों के विचार-अभिमत आमंत्रित करके शोध की सत्यता का पता लगाया गया। इन सभी चरणों में यह शोध प्रामाणिक सिद्ध हुई है।

इसी आधार पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने सभी बैंकों, बीमा कंपनियों एवं वित्तीय संस्थाओं को निर्देश देते हुए सभी हिंदी कार्यशालाओं में इस शोध को अनिवार्य रूप से पढ़ाने और गृह पत्रिकाओं में इसे प्रकाशित करने को कहा। देहरादून के रायपुर में रहने वाले डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से उप महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

 

 

- Advertisement -spot_imgspot_img
Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here