
ख़बर रफ़्तार, हल्द्वानी: इंटरनेट मीडिया संचार का एक प्रभावी माध्यम बन गया है। इससे युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रस्तुत करने का बेहतर मंच मिला है। नवाचारों के साथ रोजगार का एक उभरता हुआ माध्यम भी बन गया है।
उत्तराखंड के एक सामान्य परिवार के युवा सौरभ जोशी को इंटरनेट की दुनिया ने अपनी प्रतिभा विश्व को दिखाने मंच दिया। आज ब्लागर सौरभ पूरे विश्व में छाया हुआ है। बच्चों के साथ ही बड़े भी सौरभ के फैन हैं। वहीं यूट्यूब पर सौरभ जोशी के सब्सक्राइबर 2.30 करोड़ के पार पहुंच गए हैं।
साल 2017 में सौरभ जोशी आर्ट्स नाम से शुरू किया था ब्लाग
दैनिक जागरण से बातचीत में सौरभ जोशी ने बताया कि उनकी शिक्षा हरियाणा में हुई है। सौरभ ने ललित कला में स्नातक (बीएफए) किया है। सौरभ ने बताया कि बचपन से ही कला में उनकी रुचि रही है। वह चित्र और क्राफ्ट बनाते थे। ऐसे में उसके परिचितों से यूट्यूब पर चित्रों के वीडियो आदि डालने का मार्गदर्शन मिला। इससे प्रेरित होकर जोशी ने साल 2017 में सौरभ जोशी आर्ट्स नाम से ब्लाग शुरू किया। इसके बाद 2019 में सौरभ जोशी ब्लाग चैनल शुरू किया। यूट्यूब चैनलों में लगातार नए वीडियो डालते रहे। साथ ही लोगों की टिप्पणियों से सीखते हुए नए प्रयोग किए।
व्यूअर्स से मिले प्रेम की वजह से हूं सफल – सौरभ जोशी
सौरभ ने कहा कि व्यूअर्स से मिले प्रेम की वजह से आज सफलता प्राप्त हुई है। यूट्यूब पर 10.30 अरब से अधिक व्यूअर हो चुके हैं। उन्होंने नए यूट्यूबर से भी स्वयं की कल्पना और कौशल के आधार पर ब्लाग बनाने के लिए प्रेरित किया है।
संघर्षों से भरा रहा सौरभ का जीवन
सौरभ का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। सौरभ के पिता कुछ साल पहले तक दूसरों के घरों में पेंट कर घर का खर्च चलाते थे। आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। वह लोगों के घरों में जाकर पेंट, पुट्टी व पीओपी करते थे। उन्हें दिहाड़ी के तौर पर दो-चार सौ रुपये मिलते थे। आज बेटे के हुनर के चलते वह थार, फार्च्यूनर और इनोवा में सफर कर रहे हैं।
पहाड़ी व्यंजनों को दुनिया में फैलाया
सौरभ जोशी ने अपने व्लाग के जरिये पहाड़ी व्यंजनों और उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता को देश और दुनिया तक पहुंचाने का काम किया है। वह अपने व्लाग में भट्ट की चुरकाणी और डुबके सहित कई पहाड़ी व्यंजन दिखाते हैं।
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