खबर रफ़्तार, हल्द्वानी: चार साल का मासूम दुनिया देख तो रहा है लेकिन उसे नहीं मालूम की उसकी नजर को भी एक बुरी नजर ने घेर रखा है। एक आंख में कैंसर (रेटीनोब्लास्टोमा) होने के कारण वह संसार के अलग-अलग रंगों को वह केवल एक ही नेत्र से देखने की स्थिति में है
हल्द्वानी शहर में एक चार साल का मासूम दुनिया देख तो रहा है लेकिन उसे नहीं मालूम की उसकी नजर को भी एक बुरी नजर ने घेर रखा है। एक आंख में कैंसर (रेटीनोब्लास्टोमा) होने के कारण वह संसार के अलग-अलग रंगों को वह केवल एक ही नेत्र से देखने की स्थिति में है
जिस नौनिहाल को इस बीमारी ने घेरा है वह नगर निगम क्षेत्र के ही एक वार्ड में रहता है। बच्चा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। उसकी मां लोगों के घरों में झाड़ू पोछा कर किसी तरह खुद और अपने बेटे को पाल रही है। महिला का कहना है कि बच्चे को बचपन से ही आंखों में दिक्कत आ रही थी लेकिन आर्थिक हालत खराब होने के कारण वह जांच नहीं करा सकी है। अब किसी तरह उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया है। चिकित्सकों के मुताबिक हफ्ते भर के भीतर बच्चे की आंख का ऑपरेशन किया जाएगा। उन्हेंं उम्मीद है कि बच्चा फिर दोनों आंखों से दुनिया देखेगा।
मस्तिष्क पर भी पड़ सकता है प्रभाव
नेत्र विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चे को रेटीनोब्लास्टोमा एक तरह का कैंसर है। यह अधिकतर आनुवंशिक होता है। इसमें आंख में गांठ बनने लगती है। यह छोटे बच्चों में होता है। ऐसा होने पर आंख की पुतली में सफेद या कभी-कभी पीली चमक नजर आने लगती है। यह कैंसर आंख के भीतर से शुरू होता है। इलाज न होने की स्थिति में इसके ऑप्टिक नर्व से मस्तिष्क और अन्य अंगों तक फैलने की भी आशंका बनी रहती है।
यह हैं इस बीमारी के लक्षण
– पुतली सफेद या पीली दिखने लगती है।
– बच्चे की आंखें तिरछी हो जाती हैं या फिर भेंगापन आ जाता है।
– कैंसर बढ़ने के साथ आंखें बाहर की ओर निकलने लगती हैं।
– दिखाई देने में दिक्कतें होने लगती है।
– आंखों में दर्द होने लगता है।
यह है इलाज की विधियां
– कैंसर के छोटे ट्यूमर को खत्म करने के लिए लेजर थैरेपी की मदद ली जाती है।
– कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग होता है।
– अत्यधिक ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग करके कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इसे रेडिएशन थेरेपी कहा जाता है।
– कुछ मामलों में ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत होती है।
जल्द बच्चे का इलाज किया जाएगा। इस बीमारी का जितनी जल्दी पता चल जाए इलाज उतना ही प्रभावी इलाज होता है। यदि बच्चों की आंखों में कोई असामान्य लक्षण नजर आए तो तुरंत नेत्र चिकित्सक से आंखों की जांच करानी चाहिए।
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