देहरादून और गैरसैंण में उलझी सरकार! मानसून सत्र को लेकर उठने लगे सवाल, विपक्ष ने घेरा

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ख़बर रफ़्तार, देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के प्रस्तावित मानसून सत्र को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही हैं. अभी तक विधानसभा सत्र के तिथियां और सत्र किस विधानसभा में आहूत किया जाएगा, इसका निर्णय नहीं हो पाया है. संभावना जताई जा रही है कि 22 अगस्त से देहरादून में विधानसभा सत्र आहूत हो सकता है. इन संभावनाओं के बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस का कहना है राज्य सरकार गैरसैंण को लेकर गंभीर नहीं है.

मानसून सत्र की तिथि और स्थान चिन्हित किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है. 18 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक के दौरान विधानसभा मानसून सत्र आहूत किए जाने पर चर्चा की गई, लेकिन इस दौरान सत्र की तिथि, जगह पर बात नहीं बन सकी. जिसके चलते कैबिनेट ने सीएम धामी को इस बाबत अधिकृत किया. इसके बाद भी अभी तक मानसून सत्र को लेकर स्थितियां स्पष्ट नहीं हो पाई हैं.

मानसून सत्र के सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा अभी तक इस सत्र को लेकर जो सरकार का मंतव्य है उसके तहत मानसून सत्र गैरसैंण में करने वाले हैं. हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा बहुत जल्द सत्र आहूत करने का निर्णय लिया जाएगा. मानसून सत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट ना होने पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा राज्य सरकार गैरसैंण के प्रति ईमानदार नहीं है. सरकार गैरसैंण का विकास करना नहीं चाहती है. उन्होंने कहा तत्कालिक मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया, लेकिन ग्रीष्मकालीन राजधानी का पता ही नहीं है. सरकार गैरसैंण के प्रति संवेदनशील होती तो इन 8 सालों में गैरसैंण में सबकुछ बन जाता. ऐसे में सरकार गैरसैंण की उपेक्षा करने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों के भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रही है.

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