ख़बर रफ़्तार, देहरादून: कोविड काल के समय आरटीपीसीआर जांच के साथ ही क्वारंटीन के लिए आवासीय सुविधा के लिए अधिग्रहित होटल, आश्रम, कंटेनमेंट जोन और वैक्सीनेशन केंद्र के निर्माण के लिए बिलों का भुगतान राज्य आपदा मोचन निधि से किया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बिलों का सत्यापन करने के बाद ही संबंधित कंपनियों को भुगतान किया जाएगा।
कोविड महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आपदा मद से 50 प्रतिशत राशि खर्च करने का प्रावधान किया था। लेकिन प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच, वैक्सीनेशन, कंटेनमेंट जोन, क्वारंटीन जोन में ठहरने, भोजन व वाहनों में पेट्रोल व डीजल पर खर्च 50 प्रतिशत अधिक हो गया। जिससे अभी तक लगभग 23 करोड़ के बिलों का भुगतान नहीं हो पाया। प्रदेश सरकार ने अब राज्य आपदा मोचन निधि से लंबित बिलों का भुगतान करने का फैसला लिया है।
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एक माह के भीतर बिलों का भुगतान किया जाएगा। इससे पहले प्रत्येक बिल का सत्यापन किया जाएगा। कोविड की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुंभ में आरटीपीसीआर जांच के लिए 10 कंपनियों के साथ अनुबंध किया था। लेकिन कुंभ में आरटीपीसीआर जांच में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ था।
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