चारधाम यात्रा में रोके जाने पर ना लें टेंशन! इन जगहों ले सकते हैं एडवेंचर का मजा

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ख़बर रफ़्तार, देहरादून: उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा 2024 की शुरुआत हो चुकी है तो वही अभी तक 6 लाख 40 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्री चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं. अत्यधिक भीड़ को देखते हुए यात्रियों को धीरे-धीरे चारों धामों की तरफ भेजा रहा है. उन्हें या तो रास्तों में रुकवाया जा रहा या फिर हरिद्वार या ऋषिकेश से ही रोक-रोक भेजा जा रहा है.

चारधाम रूट पर रोके जाने पर एडवेंचर एक्टिविटी का उठाए लुत्फ: ऐसे में उत्तराखंड के चारधाम यात्रा पर निकल चुके उन यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती है, जो कि चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश या हरिद्वार से पहाड़ की तरफ निकल चुके हैं, लेकिन उन्हें चारों धामों में एंट्री नहीं मिल रही है. ऐसे में इन यात्रियों के लिए यात्रा रूट पर कई अन्य एडवेंचर एक्टिविटी पर्यटन विभाग ने शुरू किए हैं. इस शुरू करने के लिए पर्यटन विभाग ने लंबा होमवर्क किया है.

Adventure Spot on Chardham Route

गंगोत्री की यात्रा के दौरान रोके जाने पर मनेरी झील में बिताएं समय: उत्तराखंड पर्यटन विभाग में एडवेंचर विंग के हेड कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि यमुनोत्री और गंगोत्री धाम जाते हुए अगर यात्रियों को उत्तरकाशी के आसपास कहीं रुकना पड़ रहा है तो उनके लिए हर्षिल के अलावा एक और टूरिस्ट एक्टिविटी के रूप में मनेरी झील को खोल दिया गया है.

Adventure Spot on Chardham Route

उत्तरकाशी के जोशियाड़ा झील में भी कर सकते हैं वोटिंग: उन्होंने बताया कि इसके तहत हर जिले में नए झीलों को विकसित किया जाना था. जिसमें उत्तरकाशी में मनेरी झील को डेवलप किया गया है. जोशियाड़ा झील पहले से ही मौजूद थी. अब मनेरी झील को भी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है. ऐसे में गंगोत्री जाने से रोके पर जाने इन झीलों में वोटिंग आदि का लुत्फ उठा सकते हैं.

Adventure Spot on Chardham Route

हर्षिल की खूबसूरत वादियों को निहारें और रिवर राफ्टिंग का उठाएं लुल्फ: कर्नल अश्विनी पुंडीर ने बताया कि उत्तरकाशी के हर्षिल में रिवर राफ्टिंग के लिए भी कुछ स्ट्रैच खोले गए हैं. उत्तरकाशी के टोंस नदी के अलावा चमोली में भी रिवर राफ्टिंग की नई साइट को खोल दिया गया है.

पर्यटन विभाग के दो मकसद हो रहे पूरे: उन्होंने कहा कि इसके पीछे दो मकसद है, एक तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और दूसरा उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को इसका लाभ मिले. खासतौर से चारधाम यात्रा रूट पर यात्रियों को भीड़ की वजह से रुकना पड़ता है तो उन्हें रास्ते में भी कुछ ऐसी एक्टिविटी मिल पाए.

स्थानीय लोगों को मिल रहा रोजगार: इसके अलावा स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ मिल पा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बेरोजगारी के इस दौर में पर्यटन विभाग की यह पहल उनके लिए वरदान साबित हुई है. इससे कई लोग रोजगार से जुड़े हैं तो वहीं उनकी क्षेत्र को भी पहचान मिली है.

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