ख़बर रफ़्तार, गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक खुल जाने से गोरखपुर-बस्ती मंडल, बिहार व नेपाल के रोगियों को बड़ी राहत मिली है। जिन आपरेशनों के लिए उन्हें लखनऊ रेफर करना पड़ता था, वे आपरेशन अब यहीं होने लगे हैं।
बिहार के चंपारण के रहने वाले 13 वर्षीय किशोर चांद बाबू के दिमाग के पिछले हिस्से में ब्रेनस्टेम (दिमाग को रीढ़ से जोड़ने वाली नस) से सटी हुई गांठ थी। इसकी वजह से सिर दर्द, उल्टी व बाएं हिस्से में कमजोरी (लकवा) आ रही थी।
आपरेशन जटिल था। डाक्टरों ने दूरबीन की मदद से आपरेशन कर किशोर की जान बचाई। इस तरह का आपरेशन सुपर स्पेशियलिटी में पहली बार किया गया। अब वह स्वस्थ है।
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चांद बाबू की तकलीफ पिछले छह माह से काफी बढ़ गई थी। स्वजन ने बिहार व दिल्ली में कई निजी अस्पतालों से संपर्क किया। वहां ढाई से तीन लाख रुपये खर्च बताया गया। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार यह खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं था।
स्वजन ने एम्स पटना व एम्स दिल्ली में दिखाया, वहां आपरेशन के लिए छह माह बाद का समय मिला। अंतत: वे रोगी को लेकर बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचे। न्यूरो सर्जरी विभाग में डा. त्रिपुरारी पांडेय को दिखाया। जांच के बाद पता चला कि गांठ की वजह से ब्रेनस्टेम दब रही है।
इसकी वजह से आगे चलकर रोगी की सांस व धड़कन रुक सकती थी और जान जा सकती थी। इसलिए आपरेशन जरूरी था। स्वजन की अनुमति लेकर न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डा. अनिंद्य गुप्ता, डा. त्रिपुरारी पांडेय व डा. राणा प्रताप की टीम ने आपरेशन किया। निश्चेतक डा. नरेंद्र देव, डा. दिलीप व डा. सौम्या का सहयोग रहा।
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