
ख़बर रफ़्तार, Dhanteras 2025 : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपने जेब के अनुसार भी खरीदारी कर सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। हल्दी की गांठ मंगल का प्रतीक है और धनिया भी मां लक्ष्मी का प्रतीक हैं।

इस बार धनतेरस का त्यौहार बाजार पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहने वाला है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस के साथ शनिवार से छह दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत होने जा रही है। खास बात यह है कि इस बार त्रयोदशी तिथि का मान शनिवार और रविवार दो दिन तक रहेगा।
वृंदावन योजना सेक्टर-6ए निवासी ज्योतिषाचार्य महेंद्र कुमार पाठक ने बताया कि ऐसा नहीं है कि धनतेरस पर केवल सोना-चांदी, वाहन या महंगी वस्तुएं ही खरीदें, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपने जेब के अनुसार भी खरीदारी कर सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। हल्दी की गांठ मंगल का प्रतीक है और धनिया भी मां लक्ष्मी का प्रतीक हैं।
इसके अलावा किसी भी धातु की मूर्ति जैसे पीतल-तांबे की गणेश-लक्ष्मी, गणेश-गौरी और कुबेर की मूर्ति भी खरीदनी चाहिए। यदि गणेश-गौरी की मूर्ति नहीं मिल रही है तो गणेश-लक्ष्मी के साथ ही एक सुपारी को प्रतीकात्मक रूप से बगल में रखकर मां गौरी की पूजा करनी चाहिए। शनिवार को दोपहर तीन बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग भी लग रहा है जो शाम छह बजे तक रहेगा, इस दौरान वाहन आदि क्रय करना अधिक शुभ रहेगा।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल के अनुसार, प्रदोष काल में शाम 05:48 बजे से 08:20 बजे तक धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त है। वृषभलग्न में शाम 07:16 बजे से रात 09:11 बजे तक का समय पूजन के लिए श्रेष्ठ रहेगा।

+ There are no comments
Add yours