ख़बर रफ़्तार, देहरादून: राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) में छात्रा से छेड़खानी और दुष्कर्म के मामले में संस्थान के शिक्षक सुचित नारंग और प्राचार्य डॉ अनुसूया शर्मा दोषी करार दिया गया है। स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट में 2018 के मामले की सुनवाई चल रही थी। आज कोर्ट में सजा पर सुनवाई होगी।
क्या था पूरा मामला
मुकदमा दर्ज होने के बाद काफी समय तक अंडरग्राउंड रहे सुचित ने हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर 25 सितंबर 2018 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने जांच में पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज किए तो सामने आया कि उसने मुकदमा दर्ज होने से करीब छह महीने पहले संस्थान की प्राचार्य और उपप्रचार्या से भी इसकी शिकायत की थी।
शिकायत पर कार्रवाई की बजाय संस्थान के अधिकारियों ने उसे दबाने की कोशिश की। पीड़िता के बयान के आधार पर मुकदमे की विवेचक विनीता चौहान ने एनआईईपीवीडी की तत्कालीन निदेशक अनुराधा डालमिया, प्राचार्य डॉ. अनुसुया शर्मा, संस्थान कर्मचारी तेजी और लखनऊ के जिस आश्रम से पीड़ित छात्रा को एनआईईपीवीडी में पढ़ाई के लिए भेजा था, उसकी संचालिका पूर्णिमा को भी आरोपी बनाया है।