भाई ने शराब पिलाकर की बहन की हत्या, 19 दिन तक कब्र पर सोया; रोंगटे खड़े करने वाली है पूरी कहानी

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ख़बर रफ़्तार, बरेली:  रामू ने जिस सनसनीखेज तरीके से बहन रानी की हत्या की, उसकी पूरी कहानी रोंगटे खड़े करने वाली है। बहन रानी की हत्या का वह पूरा ताना-बाना बुन चुका था। पहले से तय था कि बहन 15 मार्च को घर आएगी, इसलिए होली को लेकर पहले ही पत्नी को बच्चों संग मायके भेज दिया।

15 मार्च को रानी बड़े भाई लाखन के घर पहुंची। तब उसने हालचाल लिया जिससे बहन उसका इरादा ना भांप पाई। रात 11 बजे तक जब रानी भाई के घर से उसके यहां नहीं पहुंची, तब वह बुलाने गया। रानी के पहुंचते ही साथ बैठकर शराब पीने की इच्छा जताई। इस पर रानी ने उसे 200 रुपए दिए।
रात में ही ब्लैक में वह देशी शराब के दो पौव्वे लेकर आया। खुद एक पैग पिया और बाकी शराब बहन को पिला दी। बहन के नशे में होते ही विवाद शुरू कर दिया। विरोध किया तो मारपीट की और गला दबाकर हत्या कर दी। फिर 19 दिन तक उसकी कब्र के ऊपर ही चारपाई डालकर सोता रहा।

सुभाषनगर पुलिस के सामने सिलसिलेवार घटनाक्रम बताते हुए हत्यारोपित रामू यहीं नहीं रुका। फिर शव दबाने का पूरा किस्सा बताया। सुभाषनगर पुलिस के अनुसार, रानी को अकेले बाहर ले जाना संभव नहीं था, इसलिए रामू ने वारदात के बाद पूरी रात कमरे में गड्ढा खोदा। उसे लगातार डर सता रहा था कि सुबह होते ही कोई घर ना आ जाए, इसलिए सूर्योदय से पूर्व ही बहन को गड्ढे में दबा दिया। फिर बहन का मोबाइल कूचा। कमरे का चप्पा-चप्पा छाना, जिससे बहन के संबंध में कोई सुराग ना मिले।

चप्पल, मारपीट के दौरान टूटी चूड़ियां, पर्स, उसमें रखा सामान व मोबाइल भी शव के साथ ही दबा दिया। शुरू में दो तीन दिन तो भाई लाखन संग बहन को ढूंढने का उसने स्वांग रचा। इस बीच एक दिन भाई की नजर से छिपाकर सीमेंट लाया। रेता पहले से घर में था। लिहाजा, रात में खुद ही फर्श डाल दिया। दो दिन पूर्व भाई लाखन घर पहुंचा तो उसके कमरे में बेतरतीब फर्श पड़ा देखकर उसे संदेह हुआ। जिस स्थान पर रानी का शव दबाया गया था, फर्श का उतना हिस्सा उठा हुआ था। उसकी कब्र के ऊपर ही चारपाई डालकर रामू सोता था।

बहन की गुमशुदगी के दौरान भी बेफिक्र रहना, तलाश में कोई मदद ना कराना, अचानक से कमरे में फर्श भी पड़ जाना…। यही बिंदु उस पर शक के आधार बने। इन बिंदुओं पर जांच आगे बढ़ी तो पूरी कहानी से पर्दा उठ गया।

चलते ऑटो में लता की गला काटकर की गई थी हत्या, बिक गई जमीन

इस पूरे घटनाक्रम के बाद साल 2018 में सराय तल्फी में हुए लता चौहान हत्याकांड की कहानी दोबारा चर्चा में आई। दरअसल, लता की चलते आटो में गला काटकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में पुलिस ने आरोपित रामू के साथ उसके साथी मोनू यादव व यशपाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई थी। 2019 में आरोपित जमानत पर बाहर आ गया। लता हत्याकांड के बारे में रामू ने पुलिस को बताया कि लता का दोस्त मोनू यादव से विवाद था। उसी ने साथी यशपाल संग मिलकर उसे मारा था। दोस्त होने के चलते वह आटो चला रहा था। रामू ने बताया कि जमानत में उसकी जमीन बिक गई। आटो आज भी सुभाषनगर थाने में खड़ा है।

रुपए की बात से इनकार, बोला- बेइज्जती करा रही थी

आरोपित रामू से सुभाषनगर पुलिस ने हत्या की असल वजह पूछी। इस पर उसने बताया कि शराब पीकर बहन आए दिन बेइज्जती करा रही थी। समझा रहा था, लेकिन मान नहीं रही थी। हवाला दिया कि कुछ दिन पहले बहन ने एक ई-रिक्शा चालक से विवाद कर लिया। उस वक्त तो बचाव में ई-रिक्शा वाले को ही दो थप्पड़ मार दिए थे लेकिन बहन नहीं मानी।

रोज-रोज लोगों के ताने सुनने पड़ रहे थे। ऐसे में उसे मारने के अलावा कोई विकल्प ना सूझा। बहन द्वारा ऑटो के लिए दिए 51 हजार रुपए वापस मांगने के विवाद में हत्या के सवाल पर वह मुकर गया। कहा कि जब आटो लिया तब मां सुशीला जिंदा थीं। उन्होंने आटो दिलवाया था। बहन ने एक रुपये नहीं दिया।

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