आइसक्रीम पार्लर में हुए छापे में बड़ा हंगामा; सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

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ख़बर रफ़्तार, हैदराबाद: में एक आइसक्रीम पार्लर पर हाल ही में हुए छापे ने बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है। छापे के दौरान सामने आई जानकारी ने सबको चौंका दिया है। अधिकारियों ने पता लगाया कि आइसक्रीम में शराब मिलाकर बेची जा रही थी, जिससे ग्राहकों को नशा हो रहा था। इस खुलासे के बाद बड़ी मात्रा में आइसक्रीम और शराब जब्त की गई है।

आइसक्रीम में शराब की मिलावट का खुलासा
मामला आरटीसी क्रॉस रोड पर स्थित एक आइसक्रीम पार्लर का है, जहां पर शुक्रवार को अधिकारियों ने छापा मारा। छापेमारी की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए मिली थी, जिसमें दावा किया गया था कि इस पार्लर में आइसक्रीम में नशीला पदार्थ मिलाया जाता है। जांच में पाया गया कि इस पार्लर में व्हिस्की मिलाकर आइसक्रीम बेची जा रही थी।

छापेमारी में प्राप्त वस्तुएं
अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान 3.85 लाख रुपए की शराब और 11.5 किलोग्राम आइसक्रीम जब्त की। आइसक्रीम के सैंपल में हर किलोग्राम में 60 मिली व्हिस्की की मिलावट की गई थी। पार्लर के मालिक की पहचान शरत चंद्र रेड्डी के रूप में हुई है।

शल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आइसक्रीम पार्लर का प्रमोशन
अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस आइसक्रीम पार्लर का प्रमोशन हो रहा था। यह जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिली, जिसके बाद इस आइसक्रीम पार्लर पर छापा मारा गया। पार्लर के मालिक व्हिस्की आइसक्रीम का प्रचार कर रहे थे, जिससे अधिक ग्राहक आकर्षित हो रहे थे।

तेलंगाना के सीएम की टिप्पणी
इस घटनाक्रम के बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने बताया कि शराब की दुकानों को छोड़कर, शहर की सभी दुकानें रात 1 बजे तक खुली रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह शराब के खिलाफ हैं और यह आशंका जताई कि अधिक खुली दुकानें लोगों की शराब की खपत बढ़ा सकती हैं।

हानिकारक सामग्री की मिलावट
इस खुलासे के बाद, सार्वजनिक और मीडिया में व्यापक प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। लोगों ने इस बात पर चिंता जताई है कि कैसे एक आम उत्पाद को नशीले पदार्थ के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि वे इस मामले की पूरी तरह से जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए कड़ी निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता है। सरकार और संबंधित विभागों को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी खाद्य पदार्थ में अवैध और हानिकारक सामग्री की मिलावट न हो।

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