
ख़बर रफ़्तार, हल्द्वानी: एमबीपीजी कालेज कुमाऊं का सबसे बड़ा महाविद्यालय है लेकिन यहां 2500 से अधिक छात्रों की एक साथ परीक्षा कराने की जगह नहीं है। ऐसी स्थिति कालेज प्रशासन पर भारी पड़ रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्नातक प्रथम सेमेस्टर में माइनर विषय लेने वालों विद्यार्थियों की संख्या महाविद्यालय की क्षमता से अधिक होने से शिक्षकों के हाथ पांव फूल गए हैं। ऐसे में अब कालेज ने कुमाऊं विवि को पत्र लिखकर परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव की मांग की है।
पिछले सत्र की अपेक्षा 1326 ज्यादा छात्रों को दिया गया प्रवेश
एमबीपीजी कालेज में इस सत्र स्नातक (एनईपी) प्रथम सेमेस्टर में 5475 छात्र-छात्राओं का प्रवेश हुआ है। यूजीसी के मानकानुसार निर्धारित सीटों की तुलना में करीब 40 प्रतिशत अधिक दाखिले हुए हैं। वहीं पिछले सत्र की अपेक्षा 1326 ज्यादा छात्रों को प्रवेश दिया गया।
महाविद्यालय की क्षमता से करीब 32 प्रतिशत अधिक लोगों की परीक्षा कराना कालेज के लिए भारी पड़ रहा है। अब कुमाऊं विवि के निर्णय पर कालेज प्रशासन की नजरें टिकी हुई हैं। अगर विवि से राहत नहीं मिली तो कालेज प्रशासन के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी।
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प्राचार्य प्रो. एनएस बनकोटी के अनुसार, स्नातक प्रथम सेमेस्टर के माइनर और कौशल कोर्सों की परीक्षा में छात्र संख्या अधिक हो रही है। ऐसे में कुमाऊं विवि को परीक्षा कार्यक्रम में कुछ संशोधन करने के संबंध में पत्र लिखा गया है। विवि के निर्दोशों के अनुसार व्यवस्था बनाई जाएगी।
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