एफएनएन, विकासनगर : मौसम में आ रहा बदलाव जीवों के व्यवहार को भी प्रभावित कर रहा है। शायद यही वजह है कि देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व आसन वेटलैंड को कुछ समय के लिए अपना आशियाना बनाने वाले पेंटेड स्ट्रोक इस बार समय से पहले यहां प्रवास पर पहुंच गए।
पक्षी विशेषज्ञ भी इसकी वजह मौसम में आए बदलाव को मान रहे हैं। उनका कहना है कि पक्षियों की एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवाजाही आमतौर पर मौसम के बदलाव और भोजन की आवश्यकता को लेकर होती है। पेंटेड स्ट्रोक का समय से पहले आसन वेटलैंड पहुंचना चौंकाने वाला है।
विदेशों से आते हैं ये पक्षी
शीतकाल में ईरान, अफगानिस्तान, रूस, साइबेरिया समेत यूरोप के कई देशों और भारत के उच्च हिमालयी क्षेत्रों से हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड आते हैं। इन पक्षियों की आमद अक्टूबर में शुरू होती है और मार्च के अंत तक वह अपने मूल स्थान पर लौट जाते हैं।
इस दरमियान भारतीय मूल के पेंटेड स्ट्रोक का दल भी कुछ समय के लिए आसन वेटलैंड को आशियाना बनाता है। आमतौर पर ये पक्षी फरवरी में आसन वेटलैंड आते हैं और मार्च या कभी-कभी अप्रैल तक यहां डेरा जमाये रहते हैं।
पेंटेड स्ट्रोक के प्रवास में आया बदलाव
क्षेत्र के वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया कि इस बार नवंबर से ही 20 से 25 पेंटेड स्ट्रोक का दल आसन में दिखाई दे रहा है। पेंटेड स्ट्रोक के प्रवास में आए इस बदलाव से वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डा. सौम्या प्रसाद और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर एसएस गांधी भी आश्चर्य में हैं। उनका कहना है कि इस स्थिति के लिए मौसम का बदलाव जिम्मेदार हो सकता है। यह बदलाव चिंता का विषय भी हो सकता है।
क्या है पेंटेड स्ट्रोक
पेंटेड स्ट्रोक सारस प्रजाति का पक्षी है, जो भारत के मैदानी इलाकों में पाया जाता है। यह पक्षी नदियों-झीलों के किनारे उथले पानी के आसपास झुंड में रहता है और मौसम में बदलाव, भोजन की उपलब्धता व प्रजनन के लिए कुछ समय प्रवास करता है।
इस वजह से मिला इंर्पोटेंट बर्डिंग एरिया का दर्जा
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर एसएस गांधी बताते हैं कि आसन वेटलैंड में पक्षियों की आमद और प्रजातियों को लेकर पूर्व के वर्षों में किए गए सर्वे में पाया गया था कि यहां पेंटेड स्ट्रोक, पलाश फिश ईगल और सुर्खाब नियमित रूप से प्रवास पर आते हैं। इसी कारण वर्ष 2005 में वेटलैंड को इंर्पोटेंट बर्डिंग एरिया (विशेष पक्षी क्षेत्र) का दर्जा प्राप्त हुआ।
अधिकारी ने कही ये बात
पेंटेड स्ट्रोक भारत के मैदानी क्षेत्रों से पलायन कर हर वर्ष आसन वेटलैंड आते हैं। आमतौर पर यह पक्षी फरवरी में वेटलैंड आता है, लेकिन इस बार इनका झुंड काफी पहले वेटलैंड पहुंच गया। प्रथम दृष्टया इसका संभावित कारण मौसम को माना जा रहा है। इस संबंध में और जानकारी के लिए अध्ययन किया जाएगा।
 
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                             
                                            
 
                 
                                     
                                     
                                     
                             
                                                         
                                
                         
                                                 
                                                 
                                                 
                                                
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