अखिलेश यादव का लोकसभा में बयान: ‘वंदे मातरम् निभाने का संकल्प होना चाहिए’

ख़बर रफ़्तार, नई दिल्ली : लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर बहस के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि “वंदे मातरम ने देश को एक किया और आज़ादी की लड़ाई में जान डाली…सत्ता पक्ष हमेशा सब कुछ अपना बनाना चाहता है।

संसद के शीतकालीन सत्र में कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है। प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा की शुरुआत की। पीएम ने कहा कि आज हम इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं, जब सदन में इसकी चर्चा हो रही है।

लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर बहस के दौरान पीएम मोदी के बोलने के बाद लोकसभा में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई बोले। इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने वंदेमातरम् पर चर्चा का जवाब दिया। अखिलेश यादव ने वंदे मातरम ने देश को एक किया और आज़ादी की लड़ाई में जान डाली।
सत्ता पक्ष हर चीज पर कब्जा करना चाहता है। सत्ता पक्ष हमेशा सब कुछ अपना बनाना चाहता है। ये लोग हर बात का श्रेय लेने चाहते हैं, जो महापुरुष इनके नहीं हैं, ये लोग उनपर भी कब्जा करने की कोशिश करते हैं। इनकी बातों से ऐसा लगता है कि वंदे मातरम् भी इन्हीं का बनवाया हुआ गीत है।

समाजवादी पार्टी के MP अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं है, बल्कि इसका पालन करने के लिए है। जिन्होंने कभी आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, वे वंदे मातरम का महत्व कैसे समझेंगे? वे ‘राष्ट्रवादी’ नहीं बल्कि राष्ट्रवादी लोग हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर कहा कि “देश के महापुरुषों का सपना था स्वतंत्र भारत, देश की आज की पीढ़ी का सपना है समृद्ध भारत। आज़ाद भारत के सपने को सींचा था वंदे मातरम् की भावना ने, समृद्ध भारत के सपने को सीचेंगा वंदे मातरम् की भावना। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है, 2047 तक विकसित भारत बनाना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर कहा, “भारत पर जब-जब संकट आए देश वंदे मातरम् की भावना के साथ आगे बढ़ता रहा… आज भी 15 अगस्त, 26 जनवरी की बात आती है, हर घर तिरंगे की बात आते है तो चारों तरफ यही भाव दिखता है… जब देश की आजादी को कुचलने की कोशिश हुई, संविधान की पीठ पर छूरा घोंप दिया गया, आपातकाल थोपा गया तो यही वंदे मातरम् की ताकत थी कि देश खड़ा हुआ। देश पर जब भी युद्ध थोपे गए, संघर्ष की नौबत आई यही वंदे मातरम् का भाव था कि देश का जवान सीमाओं पर अड़ गया और मां भारती का झंडा फहराता रहा, विजय प्राप्त करता रहा।

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