दिल्ली में उत्तराखंड निवासी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद ,धामी ने केंद्रीय कानून मंत्री से की बात, कहा- बेटी को न्याय दिलाने को सब कुछ करेंगे

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खबर रफ़्तार,देहरादून :  दिल्ली में उत्तराखंड निवासी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने केंद्रीय कानून मंत्री से की बात की है। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा है कि देश की बेटी को न्याय दिलाने के लिए वह सब कुछ करेंगे।

न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे

एएनआइ न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक मुख्‍यमंत्री धामी ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर उन्‍होंने पीडि़ता की एडवोकेट चारू खन्ना से बात की है। उन्‍होंने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी इस मामले में बात की है। मुख्‍यमंत्री ने कहा है कि पीड़िता हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे।

राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे

पूर्व मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्‍होंने कहा है कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय मिले इसके लिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए

हत्याकांड मामले में लचर पैरवी का कांग्रेस का आरोप

वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद कांग्रेस ने मामले में लचर पैरवी का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा कि यह हत्याकांड निर्भया हत्याकांड की भांति वीभत्स था।

मेडिकल रिपोर्ट, साक्ष्य को लेकर सरकार से कहां चूक हुई कि जिन्हें फांसी पर लटकना चाहिए था, वे बरी हो गए। यह सब कुछ अत्यधिक अविश्वसनीय लगता है।

उत्तराखंड की 19 वर्षीय बेटी के साथ हैवानियत

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि लचर पैरवी के चलते ऐसे जघन्य अपराधियों का छूटना समाज के लिए चिंतनीय है। दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय बेटी के साथ हैवानियत हुई। आरोपितों को बरी किया गया, स्तब्ध हूं।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि निर्भया कांड में तमाम आरोपितों को सजा मिली थी, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं होना खेद का विषय है। इस मामले पर उत्तराखंड के प्रवासी संगठनों से बातचीत कर आगे संयुक्त रूप से लड़ाई जारी रखने के प्रयास किए जाएंगे।

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