बिहार के बाद पश्चिमी यूपी से उठी प्रदेश में जाति गणना की मांग, लक्ष्मीकांत वाजपेयी बोले- आंकड़े अविश्वसनीय

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खबर रफ़्तार, मेरठ:  बिहार में जाति गणना के आंकड़े जारी होने के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसकी मांग उठनी शुरू हो गई। सोमवार को राजनीतिक दलों ने प्रदेश में जाति जनगणना की वकालत करते हुए कहा कि इसके आधार पर ही तय हो सकता है जिसकी जितनी जनसंख्या हो उसे उतनी भागीदारी मिले।

वहीं बिहार की जातीय गणना पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने आंकड़ों को अविश्वसनीय बताया है। उन्होंने कहा कि मैं नितीश सरकार से सवाल करना चाहता हूं कि उन्होंने कितनी नौकरियां निकालीं और कितने युवाओं को वर्ग के आधार पर रोजगार दिया।

जाति जनगणना होनी चाहिए। इससे दूध का दूध पानीका पानी हो। जनसंख्या के आधार पर लोगों को अधिकार मिलेंगे। सभी एकसमान होंगे। बगैर जाति जनगणना के महिला आरक्षण बिल का भी कोई अस्तित्व नहीं है। – मोहित आनंद, जिला अध्यक्ष, बसपा

हमारी पार्टी जातिगत जनगणना के समर्थन में है। उत्तर प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए। सरकार को तत्काल उत्तर प्रदेश राज्य की भी जनगणना शुरू करानी चाहिए। – मतलूब गौड़, रालोद

जाति जनगणना समाजवादी पार्टी की पुरानी मांग है। उप्र की जनगणना प्राथमिकता पर होनी चाहिए। जातीय जनगणना के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कितने लोगों ने कितनों के अधिकारों का हनन किया हुआ है। बिहार सरकार का अच्छा कदम है। – शाहिद मंजूर, पूर्व मंत्री, सपा

बिहार की महागबंधन सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है। सामाजिक न्याय का झंडा बुलंद करने के लिए सरकार का आभार। जातीय जनगणना से जिसकी जितनी जनसंख्या है उतनी भागीदारी मिलेगी। – अवनीश काजला, जिलाध्यक्ष कांग्रेस

जाति जनगणना बहुत जरूरी है। सभी लोगों को एक दूसरे की आबादी का पता चलेगा। इसके बाद उनको उनका अधिकार और प्रतिनिधित्व मिलेगा। बहुत जातियां ऐसी हैं जिनको पूर्ण अधिकार ही नहीं मिल पाए हैं। – अंकुश चौधरी, जिलाध्यक्ष, आम आदमी पार्टी

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