ADGP Puran Suicide: राज्यपाल कटारिया बोले — डीजीपी गिरफ्तारी से पहले स्थिति गंभीर

खबर रफ़्तार, चडीगढ़: हरियाणा पुलिस के आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने 7 अक्तूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में हरियाणा पुलिस के कई अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं।

हरियाणा के आईपीएस वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना को गंभीर मामला बताया है। राज्यपाल कटारिया ने कहा कि मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने गंभीरता को देखते हुए आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

राज्यपाल ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने घटना के बाद जन आक्रोश को शांत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। निश्चित रूप से एक आईपीएस अधिकारी का आत्महत्या करना बहुत गंभीर मामला है। इसकी गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में 14-15 अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगे हैं। हरियाणा सरकार ने एसपी का तबादला कर दिया है और डीजीपी की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। लेकिन डीजीपी स्तर के अधिकारी को गिरफ्तार करने से पहले सभी तथ्यों की जांच जरूरी है।
कटारिया ने कहा कि आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने 6 सदस्यीय स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम  (एसआईटी) बनाई गई है, जो इस मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच करेगी।

बता दें कि हरियाणा पुलिस के आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने 7 अक्तूबर को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में 8 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, जिनमें हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया का नाम भी शामिल हैं, पर जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

मृतक एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार ने भी डीजीपी और एसपी के खिलाफ उत्पीड़न और भेदभाव के आरोपों के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस घटना के बाद दबाव में आकर हरियाणा सरकार ने एसपी नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया है।

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को आईपीएस अधिकारी के परिवार से मुलाकात की और हरियाणा सरकार से परिवार को न्याय दिलाने की अपील की। मान ने कहा कि परिवार न्याय की मांग कर रहा है। मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वे इस परिवार के साथ खड़े हों। किसी एक व्यक्ति को बचाने के लिए कानून को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। न्याय होना चाहिए।

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