सात से नौ अक्टूबर के बीच वनन्तरा में होनी थी बड़ी पार्टी, 22 वीआइपी करने वाले थे शिरकत

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खबर रफ़्तार, देहरादून : वनन्तरा रिसॉर्ट में सात अक्टूबर से नौ अक्टूबर के बीच एक बड़ी पार्टी होने जा रही थी। इसमें लगभग 22 लोग शामिल होने वाले थे, जिनके लिए वीआइपी व्यवस्था की जा रही थी।बताया जा रहा है कि दिल्ली की एक कंपनी ने रिसॉर्ट के मैनेजर अंकित गुप्ता से बातचीत कर आने वाले मेहमानों के लिए कैटलाग तैयार कराया था। यह कार्यक्रम 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए था।

अंकिता हत्याकांड सामने आने के बाद आयोजकों ने खींचे हाथ

इस इवेंट में योग, मेडिटेशन के साथ-साथ दूसरे अन्य री-क्रिएशनल प्रोग्राम होने थे। नेचर वाक, म्यूजिकल ब्लास्ट और डांस प्रोग्राम भी रखे गए थे। इसकी सारी तैयारी हो गई थी। कार्यक्रमों के लिए बुकिंग होने ही वाली थी कि उसी दिन अंकिता भंडारी हत्याकांड सामने आ गया और आयोजक ने अपने हाथ पीछे खींच लिए18 सितंबर को रिसॉर्ट की रिसेप्‍शनिस्‍ट अंकिता तो जिंदा नहर में फेंक कर मौत के घाट उतार दिया गया। हत्‍या के आरोप में रिसॉर्ट ओनर पुलकित आर्या, अंकित गुप्‍ता और सौरभ को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

  • 18 सितंबर को अंकिता भंडारी वनन्तरा रिसॉर्ट से लापता हुई।
  • 19 सितंबर को राजस्व पुलिस चौकी में इसकी रिपोर्ट दर्ज हुई।
  • चार दिन बाद भी अंकिता का पता नहीं चला तो मुकदमा लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को स्थानांतरित किया गया।
  • 23 सितंबर को सिविल पुलिस ने हत्याकांड का राजफाश कर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपितों ने 18 सितंबर की रात ही अंकिता की हत्या कर दी थी।
  • 24 सितंबर को एसआइटी का गठन कर जांच शुरू की गई।
  • 27 सितंबर को एसआइटी ने रिसॉर्ट के स्टाफ से पूछताछ की।
  • 28 सितंबर को कोर्ट में आरोपितों की रिमांड को प्रार्थना पत्र दिया गया।

हत्यारोपितों की जमानत का प्रार्थना पत्र वापस लिया

अंकिता की हत्या के आरोपित पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता की जमानत के लिए कोर्ट में लगाए गए प्रार्थना पत्र अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने बुधवार को सुनवाई से पूर्व ही वापस ले लिए। इसके चलते जमानत को लेकर सुनवाई नहीं हो सकी।जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से नामित अधिवक्ता जितेंद्र रावत का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने जमानत के प्रार्थना पत्र वापस लिए हैं।वर्तमान में तीनों हत्यारोपित पौड़ी जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। 24 सितंबर को तीनों आरोपितों ने अलग-अलग जमानत याचिकाएं दाखिल की थीं, जिन पर बुधवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में सुनवाई होनी थी।

पुलिस का दावा, अंकिकिता के कमरे में सभी साक्ष्य सुरक्षित,

अंकिता को वनन्तरा रिसार्ट का स्वामी पुलकित आर्या किन वीआइपी मेहमानों को स्पेशल सर्विस देने के लिए मजबूर कर रहा था, इस रहस्य से अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है।अंकिता की हत्या की जांच कर रही एसआइटी के सदस्य अपर पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल का कहना है कि अब तक की जांच में किसी वीआइपी का नाम सामने नहीं आया है। हालांकि, इस बिंदु पर जांच अभी चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही सभी चीजें स्पष्ट हो पाएंगी।लक्ष्मण झूला थाने में अपर पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल पत्रकारों को अंकिता हत्याकांड की जांच से जुड़ी विभिन्न जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है, उसे जांच के दौरान स्पष्ट कर लिया जाएगा।साक्ष्य जुटाने के साथ टीम को थ्योरी भी तैयार करनी है। इसलिए कई बार रिसार्ट की जांच को टीम जाएगी। रिसार्ट में आने वाले वीआइपी मेहमानों और अंकिता पर उनको स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाए जाने के आरोप पर सुयाल ने कहा कि अभी तक की जांच में किसी वीआइपी का नाम सामने नहीं आया है, लेकिन जांच चल रही है।उन्होंने दावा किया कि रिसार्ट में अंकिता भंडारी के कमरे में साक्ष्यों के साथ किसी तरह की कोई छेड़खानी नहीं हुई है। उनका कहना है कि 22 सितंबर को विवेचना अधिकारी ने अंकिता के कमरे की वीडियो रिकार्डिंग कराने के साथ ही आवश्यक साक्ष्य एकत्र कर लिए थे।अगले दिन फोरेंसिक टीम ने भी मौके से आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए। रिसार्ट के साथ पुलकित की फैक्ट्री की जांच-पड़ताल भी फोरेंसिक टीम के साथ की जा चुकी है। अब जांच को आगे बढ़ाने के लिए तीनों हत्यारोपितों को रिमांड पर लिया जाएगा।

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