
खबर रफ़्तार: बदरीनाथ यात्रा के पड़ाव कर्णप्रयाग में नगर पालिका स्वच्छता अभियान को लेकर घर-घर पहुंच कचरे का निस्तारण कर अपनी आजीविका भी बढ़ा रही है साथ ही लोगों को जैविक और अजैविक कचरे एकत्र करने के लिए कूड़ेदान भी वितरित किए गए है। पालिका के आंकड़ों पर गौर करें तो बीते सात साल में नगर पालिका कर्णप्रयाग ने कूड़ा विक्रय कर अब तक 1,81,8091 रुपये की राशि हासिल की है जबकि यूजर चार्ज और चालान की राशि अलग है।
दरअसल नगर पालिका कर्णप्रयाग अंर्तगत सेमी-देवतोली और सिमली का क्षेत्र बीते पांच साल पूर्व शामिल किया गया जिनको मिलाकर नगर में सात वार्ड मुख्य बाजार-देवतोली, सिमली-सुभाषनगर, तहसील वार्ड, अपर बाजार, ईड़ाबधाणी, आइटीआइ-गांधीनगर और शक्तिनगर की दस हजार से अधिक की आबादी के लिए दर्जनभर कूड़ा वाहन और 40 से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात है।
जैविक कचरा करने के लिए एक दशक पूर्व पालिका द्वारा वर्मी कंपोस्ट पिट तैयार किए गए जिनमें पांच लाख रुपये की राशि व्यय की गई,लेकिन तैयार पिटों से पालिका को कुछ हासिल नही हुआ और आज तैयार निर्माण झाड़ियों से भरा मुंह चिढ़ा रहा है यद्यपित पालिका अधिकारियों की माने तो भविष्य में तैयार पिटों का सदुपयोग किया जाएगा।
गंगा में फेंक रहे हैं कचरा
सफाई निरीक्षक नितिन सती कहते है मुख्य मार्गों और नदी तट से लगे पैदल रास्तों पर कचरे के ढेर और प्लास्टिक कचरा सीधे गंगा में प्रवाहित कर देते हैं, जबकि कुछ मामलों में पालिका सफाई कर्मचारी
भी सफाई कर गंगा और नालियों में कचरा डाल देते है जिसकी शिकायत आए दिन जनता की ओर से मिलती है और सफाई व्यवस्था का लाभ धरातल पर दिखाई नही देता है और जनसहयोग की भावना से ही नगर को साफ-सुथरा रखा जा सकता है।
नए स्थल की तलाश कर रही है नगरपालिका
जैविक-अजैविक कचरा निस्तारण के लिए नगरपालिका कर्णप्रयाग नए स्थल की तलाश कर रही है जिसके उपरांत विशेषज्ञों की टीम द्वारा सर्वे, जनसुनवाई की जानी है फिलहाल पालिका द्वारा पंचपुलिया के समीप कंप्रेसर मशीन द्वारा प्लास्टिक कचरे को पैक कर जैविक कचरे को कूडाघर में डाला जाता है जिसमें निजी संस्थान भी सहयोग दे रहे है। प्लास्टिक कचरा निस्तारण के लिए जनता से सहयोग मांगा जा रहा है जिससे अलकनंदा और पिंडर स्थली को गंदगी से मुक्ति दिलायी जा सके और नगर को भी स्वच्छ रखा जाए। गुरूदीप आर्य अधिशासी, अधिकारी नगर पालिका
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