
खबर रफ़्तार, लखनऊ: कर्मचारियों की मांगों पर कोई सुनवाई जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नहीं की जा रही है। जिसका खामियाजा लगातार कर्मचारी और उसका परिवार उठा रहा है। ऐसे में हमारे पास केवल आंदोलन ही एक रास्ता बचता है, जिससे कर्मचारियों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया जा सके और सरकार उन समस्याओं का निदान कर सके। यही वजह है कि कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आंदोलन की घोषणा की है। 24 जून का दिन आंदोलन के लिए निश्चित हुआ है। यह कहना है राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की तरफ से दिया गया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने बताया कि 22 मई 2025 को कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई थी, जिसमें प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर 24 जून 2025 को सुबह 11 बजे से पदाधिकारी व कर्मचारी द्वारा भूख हड़ताल कर सत्याग्रह किया जाएगा। इसके जरिए सरकार और शासन का ध्यानाकर्षण किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों की लंबित पड़ी मांगें पूरी हो सकें। उसी दिन अगले निर्णायक आंदोलन की घोषणा किए जाने का निर्णय भी लिया गया है।
महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव कार्मिक को पत्र भेजकर जानकारी दी गई है कि प्रदेश के कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर कराए जाने का अनुरोध शासन से लगातार किया जा रहा है, लेकिन कई वर्ष बीत गए, लेकिन उसके बाद भी समस्याएं यथावत बनी हुई हैं, जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में अत्यंत रोष और असंतोष व्याप्त है। उन्होंने यह भी बताया कि अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिवों/विभागाध्यक्षों के स्तर पर कर्मचारी संगठनों के साथ कोई बैठक नहीं हो रही है, जिससे विभागीय समस्याओं का समाधान भी नहीं हो रहा है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि हमारा सदैव यही प्रयास रहा है कि सरकार का ध्यान कर्मचारियों की ओर आकर्षित कर इनका निराकरण कराया जाए, हमारी मंशा कभी भी ऐसी कोई विषम परिस्थिति उत्पन्न करने की नहीं होती है, जिससे कर्मचारियों को सड़क पर उतारना पड़े, परंतु सरकार की समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता कर्मचारियों को इस प्रकार के आंदोलन करने पर विवश करती है।
+ There are no comments
Add yours