लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त को पचा नहीं पा रही कांग्रेस, पार्टी नेता ही दे रहे सलाह

खबरे शेयर करे -

ख़बर रफ़्तार, देहरादून: कांग्रेस उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में हार को पचा नहीं पा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली हार पर बयान दिया था कि अगर उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव लड़ते तो लोकसभा सीटों पर चुनावी परिणाम कुछ और होते. वहीं अब प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने संगठन को सलाह दी है कि इन सब बातों में अब कुछ नहीं रखा है, इसकी बजाय कांग्रेस को उन कमियों को तलाशना होगा, जिन कारणों से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिली है.

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि पार्टी का काम चुनाव लड़ने का होता है और चुनाव में कभी हार तो कभी जीत भी मिलती रहती है. लेकिन पार्टी की लीडरशिप का काम यह होता है कि इन सब विषयों पर गंभीरता पूर्वक विचार करें. कहा कि संगठन की जहां कमी है उन कमियों को दूर करें, बहानेबाजी से काम नहीं चलने वाला है. कोई यह कहे कि हम लड़ते तो इतने मतों से जीतते, अगर वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ते तो पार्टी को इतने वोटों से जीत मिलती. लेकिन इन सब बातों से काम नहीं चलने वाला है. उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जो हार मिली है उस हार को स्वीकार करना चाहिए और आने वाले समय में होने जा रहे चुनाव में जीत का रास्ता तलाशना चाहिए.

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जीतने की इच्छा शक्ति अगर खत्म हो जाएगी तो फिर पार्टी आगे कैसे बढ़ेगी. इन सब बातों पर पार्टी के नेताओं को बैठकर चिंतन और मंथन करना होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी की जगह पार्टी के काम को गंभीरता से करना चाहिए. दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव अगर वरिष्ठ नेता लड़ते, तो वोटों की हार का अंतर भले ही कम होता, लेकिन उसके बावजूद हार निश्चित होती.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours