ख़बर रफ़्तार, कानपुर: शादी समारोह का सीजन चल रहा है, लेकिन सोने-चांदी में चल रही महंगाई ने इसमें नया ट्रेंड ला दिया है। जिन रस्मों में पहले उपहार में सोने-चांदी के गहने दिए जाते थे, अब वहां पर नोट दिए जा रहे हैं। दुल्हन की मुंह दिखाई और दूल्हे के कलेवा में अब लोग नकद भेंट शगुन के रूप में दे रहे हैं। 2100 से 11 हजार रुपये सबसे ज्यादा दिए जा रहे हैं। पहले दुल्हन को झुमकी, कान की बाली, अंगूठी, चांदी के पायल सबसे ज्यादा दिए जाते थे।
इसी तरह दूल्हे को भी अंगूठी, सोने-चांदी के ब्रेसलेट भेंट स्वरूप दिए जाते थे। सोने-चांदी के भाव में उठापटक चल रही है। इसके बाद भी भाव अभी भी बहुत ज्यादा हैं। भावों में तेजी और चुनाव के चलते बाजार में पहले से ही सन्नाटा चल रहा था। अब हल्की ज्वैलरी भी खरीदना लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। जानकारों के मुताबिक शादी समारोह में दी जाने वाली ज्वैलरी के साथ रस्मों के लिए होने वाली खरीद में लोग कटौती कर रहे हैं।
इन रस्मों के लिए लोगों का 11-21 हजार तक का बजट होता है। सोना-चांदी इतना महंगा है कि इतनी रकम में दो ग्राम से ज्यादा कीमत का सोने का गहना नहीं आ पाएगा। ऐसे में लोग अब नेग के रूप में नकद भेंट दे रहे हैं। ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि सामान्य दिनों में शहर में 35 किलो सोने के गहनों-बुलियन की बिक्री होती थी जो अब केवल पांच किलो रह गई है।
निवेश के रूप में सोना-चांदी खरीदा जा सकता है
शादी समारोह की रस्मों में लिए जाने वाले गहनों तक में 50 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आ गई है। बताया कि महंगाई के चलते कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। दरअसल, कारोबारी अब ज्यादा माल स्टॉक नहीं रखता है। सोना-चांदी के भाव अचानक तेजी से बढ़े। जो पहले के आर्डर थे, वो पूरे करने थे। उन्होंने बताया कि भाव में गिरावट जरूर है, लेकिन आगे तेजी की संभावना है। भाव कम होने पर निवेश के रूप में सोना-चांदी खरीदा जा सकता है।
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