भाजपा चला रही केजरीवाल बनाम केजरीवाल अभियान, यह है दिल्ली में आप को घेरने की रणनीति

खबरे शेयर करे -

खबर रफ़्तार, दिल्ली : लोकसभा चुनाव की बिसात बिछी हुई है। राजनीतिक दल हर उस माध्यम को हथियार बना रहे हैं जिससे विपक्ष को घेरा जा सके। लोगों तक पहुंच बनाने के लिए सोशल मीडिया मुख्य भूमिका में नजर आ रहा है। सधी हुई राजनीति के तहत भाजपा की सोशल मीडिया टीम केजरीवाल बनाम केजरीवाल कैंपेन चला रही है। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जितने भी पुराने वीडियो क्लिप हैं, उनको ही हथियार बनाकर आम आदमी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।

भ्रष्टाचार की खिलाफत कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही घेरने की रणनीति चली जा रही है। इस तरह के वीडियो क्लिप, मीम्स, रील इंस्टाग्राम, फेसबुक, एक्स समेत सभी सोशल मीडिया ऐप भरे पड़े हैं।सोशल मीडिया एक्सपर्ट की माने तो प्रचार अभियान के दौरान नेताजी 70 फीसदी मतदाताओं से सीधा संपर्क साधने में नाकामयाब रहते हैं। बड़ी जनसभा हो या छोटी या जनसंपर्क अभियान के बावजूद 30 फीसदी ही लोगों से संपर्क बनाया जा सकता है। ऐसे में अब सोशल मीडिया से ही कैंपेन पर जोर दिया जा रहा है।

  • इंस्टा के माध्यम से यूथ तक पहुंच

सोशल मीडिया कैंपेन के तहत राजनीतिक दलों ने हर वर्ग, उम्र, पढ़े-लिखे समाज का आकलन किया है। इसके तहत उनके पास पोस्ट भेजे जा रहे हैं। इंस्टाग्राम इन दिनों यूथ के लिए सबसे बड़े ऐप के तौर पर उभरा है। इस पर 18-35 साल के युवाओं का जमावड़ा रहता है। इन्हें रैली व जनसभा से खास मतलब नहीं रहता है। लिहाजा, इस पर वही पोस्ट डाले जा रहे हैं जो यूथ से जुड़े हैं। इसमें केंद्र सरकार की योजनाओं को तवज्जो दी जा रही है। मीम्स बनाकर विपक्ष को भी घेरा जा रहा है।

  • रील्स से रेहड़ी-पटरी वालों तक पकड़

फेसबुक पेज पर रील्स का चलन इन दिनों जोरो पर है। सोशल मीडिया कैंपेन एक्सपर्ट की माने तो अशिक्षित वर्ग, खासकर रेहड़ी-पटरी वाले सबसे अधिक रील्स देखते हैं। उन्हें यह मतलब नहीं है कि किस पार्टी के क्या विचार हैं। सबसे पहले जो भी रील्स उनके पास पहुंच जाती है, उसे ही वह लगातार देखते हैं। इस तरह से ऐसे मतदाताओं पर खास फोकस है। इसी तरह फेसबुक पर महिलाएं भी काफी एक्टिव रहती हैं। इस पर महिलाओं से संबंधित योजनाओं का प्रचार किया जा रहा है।

  • पढ़े लिखे लोगों का प्लेटफार्म है एक्स

एक्स पर ज्यादातर ज्ञान की बातें, तर्क आधारित वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि इस प्लेटफार्म पर प्रबुद्ध वर्ग की भागीदारी सबसे अधिक है। लिहाजा, पूरी तैयारी के साथ वीडियो के माध्यम से विपक्ष को घेरा जा रहा हे, ताकि तार्किक दृष्टि से वे उस मुद्दे को परखकर अपना मन बना सकें कि कौन सी पार्टी, उम्मीदवार उनके लिए बेहतर है। दिल्ली देश की राजधानी होने की वजह से इस वर्ग की भी बहुतायत है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours