ख़बर रफ़्तार, देहरादून: होली का उल्लास अब छाने लगा है। इस त्योहार से जुड़ा है अबीर-गुलाल । लेकिन, रंग खेलते हुए अगर थोड़ी सी लापरवाही हो जाए तो आपकी आंखों और त्वचा को नुकसान हो सकता है। त्योहार का मजा किरकिरा न हो और खुशियां बरकरार रहें, इसके लिए कुछ एहतियात बरतने की आवश्यकता है। कुछ सुझाव पर ध्यान देकर आप होली के आनंद को दोगुना कर सकते हैं।
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अनिल आर्य के अनुसार आमतौर पर होली पर्व पर मिलावटी रंग की बिक्री भी शुरू हो जाती है। आम उपभोक्ता इन रंगों की पहचान नहीं कर पाते और संगे-संबंधियों के बीच खुशी मनाते इन्हीं का प्रयोग करते हैं। इससे त्वचा पर विपरीत प्रभाव शुरू हो जाता है।
कार्नियल एब्रेशन ऐसी ही एक इमरजेंसी होती है, जहां आंखों से निरंतर पानी गिरता रहता है और दर्द भी बना रहता है। यदि ध्यान न दिया जाए तो आंखों में संक्रमण या अल्सर हो सकता है। होली पर गुब्बारों के इस्तेमाल से आंखों में अंदरूनी रक्तस्राव हो सकता है या किसी प्रकार की भी चोट लग सकती है।
आंखों को किसी प्रकार का खतरा हो, उससे पहले आप किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ से अवश्य ही संपर्क करें। दून मेडिकल कालेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं वरिष्ठ पल्मोलाजिस्ट डा. अनुराग अग्रवाल बताते हैं कि जिन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारी है उन्हें ठंडे पानी से बचकर रहना चाहिए। अधिक देर तक गीली होली नहीं खेलनी चाहिए। गुलाल से अस्थमा अटैक के साथ-साथ एलर्जी का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही मधुमेह रोगियों को मीठा का सेवन नहीं करना चाहिए।
ये बरतें सावधानी
- कोई रंग लगाने आए तो अपनी आंखों को बंद रखें।
- आंखों में चश्मा पहनें, जिससे खतरनाक रंगों के रसायन से आपकी आंखें बच सकें।
- सिर पर टोपी या हैट लगाएं, जिससे बाल रंगों के दुष्प्रभाव से बचें।
- बच्चों को गुब्बारों से खेलने के लिए उत्साहित न करें, क्योंकि गुब्बारे आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- अपने रंग लगे हाथों को आंखों के पास न ले जाएं। आंखों को मसलने या रगड़ने की गलती भी न करें।
- चेहरे पर कोल्ड क्रीम लगाएं ताकि रंग आसानी से निकल जाए।
- यदि आंखों में कोई रंग चला जाए तो तुरंत पानी के छीटे मारें।
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