ख़बर रफ़्तार, गुरुग्राम: करीब छह साल पहले पत्नी चरित्र पर शक होने पर नाथूपुर की पहाड़ी पर पत्नी की पत्थर से मारकर हत्या करने के वाले पति को जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी है। इसके साथ ही अदालत ने दोषी धर्मेंद्र पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह आदेश अतिरिक्त सत्र एवं न्यायाधीश सुनील कुमार दीवान की अदालत ने दिया हे।
दो साल से परिवार के साथ रह रहा है सतीश
नाथूपुर निवासी विक्रम ने सात अप्रैल 2019 को डीएलएफ फेस-तीन थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने तीन साल से नाथूपुर की पहाड़ी पर प्रचून की दुकान की हुई है। पहाड़ी पर उनके चाचा बोबी के कमरे बनाए हुए हैं। कमरे में उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के गांव अकरौली निवासी सतीश करीब दो साल से अपने परिवार के साथ रह रहा है।
शव झाड़ियों में फेंककर हो गया था फरार
अगले दिन सुबह करीब नौ बजे सतीश की पत्नी सरिता उन्हें पहाड़ी पर मंदिर के पास मिली और बताने लगी कि उनके देवर धर्मेंद्र ने पत्नी काजल की हत्या कर शव को पहाड़ी की झाड़ियों में फेंककर गांव भाग गया। उन्होंने उसके साथ मिलकर शव की तलाश की तो उन्हें पास में ही एक झाड़ियों में महिला का शव मिला। सरिता ने शव की पहचान कर बताया कि वह शव काजल का है।
इसके बाद उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने आठ अप्रैल को धर्मेंद्र को एमजी रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से उसकी पैंट बरामद की जिस पर खून के निशान लगे हुए थे।
पुलिस पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि उसको अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। इसको लेकर जब वह पूछताछ कर रहा था तो कहासुनी हो गई थी। इसके बाद पत्थर से उसकी हत्या कर दी । दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने धर्मेंद्र को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है।
पांच महीने की गर्भवती थी काजल
काजल का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. दीपक माथुर ने अदालत में अपने बयान में बताया कि उनकी मौत पर सिर पर चोट लगने से हुई थी। इसके साथ ही वह पांच महीने की गर्भवती भी थी।

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