उत्तराखंड में स्वच्छता के काम और दावों की ऑडिट से खुलेगी पोल, स्वच्छ सर्वेक्षण में निराशाजनक प्रदर्शन

खबरे शेयर करे -

ख़बर रफ़्तार, देहरादून:   उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता की दिशा में निकायों ने जो बड़े-बड़े दावे किए हैं, अब ऑडिट से उनकी पोल खुलेगी। हाल में आए स्वच्छ सर्वेक्षण के निराशाजनक आंकड़ों के बीच शहरी विकास निदेशालय निकायों के थर्ड पार्टी ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत साढ़े आठ में से ढाई लाख घरों का डोर-टु-डोर कूड़ा उठान भी जांच की जद में आ गया है।

दरअसल, इस साल स्वच्छ सर्वेक्षण के आंकड़ों में राज्यभर के नगर निकायों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर नाराजगी जताते हुए प्रदेश में स्वच्छता अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, ताकि अगले वर्ष निकायों का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर सुधरे। इस बीच शहरी विकास निदेशालय ने स्वच्छता संबंधी दावों की हकीकत जानने के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट का निर्णय लिया है।

थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जा रहा

इसकी प्रक्रिया शुरू करते हुए निदेशालय ने फर्म की तलाश में निविदा भी जारी कर दी है। निदेशालय निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, प्लांट चल रहा है या नहीं, कैसे चल रहा है, मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी (एमआरएफ), प्लास्टिक कांपेक्टर आदि सभी बिंदुओं का ऑडिट कराने जा रहा है।

ऑडिट के बाद जो भी हकीकत सामने आएगी, उसी हिसाब से निदेशालय आगे की कार्रवाई व रणनीति तय करेगा। शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया ने कहा कि निकायों में वेस्ट मैनेजमेंट संबंधी सभी उपायों का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जा रहा है।

ढाई लाख घरों से कूड़ा उठान की जांच

निकायों के आंकड़ों पर गौर करें, तो करीब 8.50 लाख घरों से डोर-टु-डोर कूड़ा उठान का दावा किया गया है। इनमें से 2.50 लाख घरों को थर्ड पार्टी ऑडिट में शामिल किया जाएगा। इसमें देहरादून के भी करीब आधे वार्ड जांच की जद में हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई निकायों ने केवल अपने रिकॉर्ड अच्छे करने के लिए 100 प्रतिशत डोर-टु-डोर कूड़ा उठान का दावा किया है। इन सभी दावों की हकीकत सामने आने वाली है।

ये भी पढ़ें…उत्तराखंड : नई आबकारी नीति का प्रस्ताव तैयार, 23 को कैबिनेट की बैठक में लग सकती है मुहर

दिसंबर तक बनेंगे 65 नए एमआरएफ केंद्र

शहरी विकास निदेशालय प्रदेश में तेजी से प्लास्टिक वेस्ट को अलग करने के लिए मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी (एमआरएफ) केंद्र बना रहा है। निकायों के अंतर्गत अभी तक 30 एमआरएफ सेंटर बन चुके हैं। बाकी 65 एमआरएफ सेंटर इस साल के अंत तक स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours