ख़बर रफ़्तार, देहरादून: प्रदेश में अगले एक साल में 467 नए अमृत सरोवर बनेंगे। 97 अमृत सरोवर 31 मार्च तक बनकर तैयार हो जाएंगे। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने मिशन अमृत सरोवर से जुड़े विभागों की बैठक में निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास व वन विभाग मिलकर इस दिशा में काम करें । ताकि प्राकृतिक जल स्त्रोतों के पुनरुद्धार के साथ ही स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी मिल सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि मिशन अमृत सरोवर में 70 प्रतिशत वन क्षेत्र होने के कारण वन विभाग भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही ग्राम्य विकास विभाग इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत बनने वाले बड़े सरोवरों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप क्या-क्या आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं, इस पर ग्राम्य विकास एवं वन विभाग मंथन कर लें।
उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण में गुणवत्ता और मात्रा को ध्यान में रखते हुए इनके माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। इनके आसपास ईको पार्क आदि विकसित कर रोजगार सृजन पर फोकस किया जाए।
340 अमृत सरोवरों में किया जा रहा मत्स्य पालन
सचिव राधिका झा ने बताया कि मिशन के तहत प्रदेश में कुल 1283 अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं। जिसमें ग्राम्य विकास विभाग ने 1071 एवं वन विभाग ने 212 अमृत सरोवरों का निर्माण किया है। ग्राम्य विकास की ओर से 31 मार्च तक 97 और अमृत सरोवरों का निर्माण कर लिया जाएगा। विभाग ने अमृत सरोवर निर्माण के लिए 467 अन्य स्थानों का चिन्हांकन कर लिया है।
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इन चिन्हित स्थानों में से 300 पर अगले वित्तीय वर्ष में अमृत सरोवरों का निर्माण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बनाए जा चुके 340 अमृत सरोवरों में मत्स्य पालन किया जा रहा है। 109 सरोवरों को पर्यटन गतिविधियों के लिए चिन्हित किया गया है।
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