खबर रफ़्तार, सितारगंज: सिविल न्यायालय के निर्माण के लिए हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, जिला न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल, सीजेएम मो. यूसुफ ने चिह्नित भूमि का अवलोकन किया। निरीक्षण के बाद प्रशासनिक न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा ने राजस्व अधिकारियों से भूमि के पुराने अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
नकुलिया मार्ग के चोमेला में सिविल न्यायालय निर्माण के लिए राजस्व विभाग ने करीब सवा तीन एकड़ भूमि ट्रांसफर की है। न्यायालय निर्माण के लिए चयनित भूमि का मुख्य मार्ग संकरा होने के कारण प्रक्रिया काफी समय से आगे बढ़ नहीं पा रही है।
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भविष्य में यातायात को लेकर चर्चा
शुक्रवार को हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा, जिला जज प्रेम सिंह खिमाल, सीजेएम मो यूसुफ, केंद्रीय नाजिर आशीष श्रीवास्तव, डिप्टी नाजिर शशिकांत, प्रभारी तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी, बार एसोसिएशन के संरक्षक रमेश चंद्र गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता नईमुद्दीन, महेंद्र चौधरी, मनोरमा गुप्ता चिह्नित भूमि पर पहुंचे। उन्होंने सिविल न्यायालय के लिए चयनित की गई भूमि का अवलोकन किया। चिह्नित भूमि का मुख्य मार्ग 26 फिट चौड़ा होने पर भविष्य में यातायात को लेकर चर्चा की।
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भूस्वामियों की राय पर नहीं बन पाई सहमति
प्रभारी तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी ने बताया कि मुख्य मार्ग से सटी हुई जमीन प्राइवेट श्रेणी में आती है। इस दौरान भूस्वामियों ने मार्ग के लिए भूमि देने पर सहमति जताई, लेकिन विधिक रूप से भूस्वामियों की राय पर सहमति नहीं बन पा रही है।
प्रशासनिक न्यायमूर्ति शरद शर्मा ने राजस्व अधिकारियों को भूमि से संबंधित राजस्व अभिलेख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को चिह्नित भूमि में कई प्रकार वैज्ञानिक टेस्टिंग के निर्देश दिए।
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यह लोग रहे मौजूद
जिला जज प्रेम सिंह खिमाल ने कहा कि संकरे मार्ग को चौड़ा करने के लिए नियमानुसार निजी भूमि ली जा सकती है। इसके कई बिंदु है, जिसमें सर्वप्रथम भूमि अधिग्रहण सम्मिलित है। वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में सितारगंज में सिविल न्यायालय गन्ना समिति के कार्यालय में संचालित हो रहा है। इस मौके पर वरिष्ठ उप निरीक्षक हरविंदर कुमार, उप निरीक्षक जनार्दन भट्ट, राजस्व उप निरीक्षक राम अवतार मौजूद रहे।
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