विश्वविद्यालय के 24 अस्थाई शिक्षकों से 72 लाख की ठगी, वकील बताकर खुद को दिया था परमानेंट कराने का झांसा

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खबर रफ़्तार, अल्मोड़ा:  सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में विनियमितीकरण के नाम पर शिक्षकों से 72 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। खुद को उच्च न्यायालय का अधिवक्ता व शासन में अच्छी पहचान बता दो ठगों ने 24 शिक्षकों से धोखाधड़ी की है। शिक्षकों की तहरीर पर पुलिस ने आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस के अनुसार अगस्त 2020 में एसएसजे विवि के अस्तित्व में आने के बाद से यहां के अस्थायी शिक्षकों ने शासन से विनियमितीकरण की मांग उठाई। जब कुछ नहीं हुआ तो विधिक राय ली गई। इस बीच रिमोट सेंसिंग में कार्यरत अस्थायी शिक्षक अरविंद पांडे की मुलाकात प्रतीक्षा मधुकर नामक महिला से हुई।

विनीयमितीकरण का झांसा देकर मांगे पैसे

प्रतीक्षा मधुकर ने खुद को उच्च न्यायालय के अधिवक्ता महेंद्र सिंह की सहयोगी बताया। उसने कहा महेंद्र उच्च न्यायालय नैनीताल में सर्विस मैटर और आपराधिक मामले से संबंधित वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। अरविंद ने प्रतीक्षा के जरिये महेंद्र से मुलाकात की। महेंद्र ने राज्य के उच्च अधिकारियों और पदेन मंत्रियों से खुद के घनिष्ठ संबंध बताए। विनीयमितीकरण का झांसा दिया व छह लाख रुपये प्रति शिक्षक मांग की।

24 शिक्षकों ने मिलकर दिए 72 लाख

अरविंद ने सहयोगी शिक्षकों बात बताई। 24 शिक्षक मान गए। पहली किस्त के रूप में प्रति व्यक्ति 30 हजार रुपये एकत्र कर उसे भेजे गए। इसके बाद अलग-अलग किस्तों में 72 लाख रुपये दिए गए।

आखिरी में दर्ज कराया मुकदमा

लंबे समय कुछ नहीं हुआ तो शिक्षकों ने पैसे लौटाने को कहा। टालमटोली व ठगी का अहसास होने पर एसएसजे विवि अल्मोड़ा के कंप्यूटर विज्ञान विभाग में तैनात रवींद्र नाथ पाठक ने पुलिस को तहरीर सौंपी है। पुलिस ने आरोपित प्रतीक्षा व महेंद्र पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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सीओ अल्मोड़ा ने कही ये बात

तहरीर के आधार पर आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। – विमल प्रसाद, सीओ अल्मोड़ा

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