ख़बर रफ़्तार, देहरादून: सोशल डेपलपमेंट फॉर कम्युनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) की 13वीं रिपोर्ट जारी की है। अक्तूबर माह की इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से राज्य में हुई तीन बड़ी सड़क दुर्घटनाओं को जगह मिली है।
इसके अलावा इस वर्ष के शुरू से चल रहे जोशीमठ भू-धंसाव मामले को एक बार फिर रिपोर्ट में जगह दी गई है। कई बार आए भूकंपों का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। सात अक्तूबर को पिथौरागढ़ जिले में भारत-नेपाल सीमा के पास धारचूला-लिपुलेख मार्ग पर लामारी में एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी पर मलबा गिरने से सात लोगों की मौत हो गई थी।
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इसी रात नैनीताल जिले के कालाढूंगी इलाके में यात्रियों को ले जा रही एक बस के खाई में गिरने से पांच महिलाओं और एक नाबालिग सहित सात यात्रियों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। 24 अक्तूबर को पिथौरागढ़ जिले में कार नदी में गिरने से छह आदि कैलाश तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। हादसे ने बड़ा सवाल यह भी खड़ा किया कि राज्य में क्या संचार व्यवस्था ठीक नहीं है।
हादसा दिन में ढाई बजे हुआ था, लेकिन मोबाइल सिग्नल न होने से अधिकारियों को तीन घंटे बाद शाम साढ़े बजे ही घटना की जानकारी मिली। रिपोर्ट में तीन अक्तूबर को नेपाल में आए भूकंप का भी जिक्र है। इसके झटके उत्तराखंड में भी महसूस किए गए। पहला झटका दोपहर 2.25 बजे, दूसरा झटका 2.51 बजे महसूस किया गया। प्रदेश में सितंबर में आठ और अगस्त में 11 भूकंप के झटके लग।
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