
ख़बर रफ़्तार, उत्तरकाशी: चारधाम परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में सिलक्यारा की ओर से गुरुवार से डी-वाटरिंग (सुरंग से पानी निकालने का कार्य) शुरू होने की उम्मीद है। इस दौरान सुरंग के अंदर जाने वाले श्रमिकों का मनोबल बढ़ाने और सुरक्षा के लिए मंगलवार को राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 15 जवानों की टीम तैनात की गई है।
गत वर्ष 12 नवंबर को सुरंग में हुए भूस्खलन के चलते 41 श्रमिक फंस गए थे, बाद में कड़ी मशक्कत के बाद श्रमिकों को तो बाहर निकाल लिया, लेकिन तब से सुरंग के अंदर प्राकृतिक स्रोतों से आ रहा पानी जमा हो रहा था। इस पानी को बाहर न निकलने की वजह से सुरंग को खतरा न हो इसलिए इसकी डिवाटरिंग जरूरी थी। अब तीन माह के अंतराल में सुरंग के अंदर कितना पानी एकत्र हुआ होगा। इसको लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों को भी सही अनुमान नहीं है। इसका पता तभी चल पाएगा जब डी-वाटरिंग के लिए श्रमिकों की टीम सुरंग के अंदर जाएगी।
डी-वाटरिंग का कार्य होना तय
एसडीआरएफ के निरीक्षक जेपी बिजल्वाण ने कहा कि एनएचआइडीसीएल की ओर से जिला प्रशासन व जिला आपदा प्रबंधन से एसडीआरएफ की मांग की गई थी। सिलक्यारा की ओर से तीन से चार दिन के अंतराल में डी-वाटरिंग का कार्य होना है।
सुरंग के अंदर जाएगी टीम
एसडीआरएफ की टीम श्रमिकों को सुरक्षा और किसी भी खतरे से पहले ही सतर्क कर देगी। डी-वाटरिंग टीम के अलावा सुरंग के अंदर सेंसर, सीसीटीवी कैमरा और टेलीफोन को लगाने वाली टीम भी जाएगी। जिससे सुरंग के अंदर की गतिविधियों की जानकारी बाहर मिल सकें तथा निरंतर संवाद भी बना रहे हैं।
+ There are no comments
Add yours