
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली ने जोर का झटका दिया है। दिल्ली में बिजली महंगी हो गई है। बिजली बिल में 2 से 6 फीसदी तक इजाफे की बात सामने आ रही है। इसके पीछे वजह है कि, बिजली वितरण कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं पर लगाए जाने वाले बिजली खरीद समायोजन लागत में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बिजली वितरण कंपनियों ने राजधानी में बिजली नियामक आयोग की मंजूरी के बाद कोयले और गैस जैसे ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी होने की वजह से ये इजाफा हुआ है। हालांकि महंगी बिजली को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जवाब दिया है।
बिजली की बढ़ी हुई दरों का लोगों पर नहीं पड़ेगा असर
दिल्ली में बिजली महंगी करने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बयान दिया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि, इस फैसले से जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार की योजना जारी रहेगी और जनता के लिए दी जाने वाली राहत कायम रहेगी।
200 और 400 यूनिट वाली फ्री योजना पर मिलती रहेगी बिजली
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि, 200 यूनिट और 400 यूनिट वाली फ्री योजना के तहत फ्री बिजली मिलती रहेगी। दामों में किए गए इजाफे का असर सब्सिडी लेने वाली जनता पर नहीं पड़ेगा।
ऐसे में दिल्ली की तीनों निजी बिजली कंपनियों BSES यमुना, BSES राजधानी और टाटा पावर दिल्ली वितरण कंपनी (TPDDL) को पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट के रूप में बिजली दरों में बढ़ोतरी की इजाजत दे दी गई है। खास बात यह है कि यह बढ़ोतरी राजधानी के अलग-अलग इलाकों में 2 से लेकर 6 फीसदी तक होगी।
दिल्ली में बिजली की बढ़ी हुई दर के साथ नई कीमतें 10 जून से लागू कर दी गई हैं। बता दें कि ये नई दरें 31 अगस्त तक प्रभावी रहेंगी।
कोयल की किल्लत ने बढ़ाई मुश्किल
दरअसल बीते दिनों आई कोयले की किल्लत और उसकी बढ़ती कीमत की वजह से पावर जनरेशन ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया था जिसको डीईआरसी ने मंजूर कर लिया है।
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