
चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अमरीकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और उनके परिवार के सदस्यों को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। इससे नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा पूरा होने के कुछ ही घंटों में चीन ने अपने 27 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस जोन में तैनात कर दिए। चीन और ताइनवान के इस तनाव के बीच भारत ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। भारत ने चीन को साफ कहा है कि वो अपने सभी फाइटर जेट भारत की लद्दाख सीमा से दूर रखे। अमरीकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन और अमरीका के बीच तनाव बढ़ गया है।
नैंसी पलोसी के दौरे को लेकर चीन खासा नजर आ रहा है। चीन ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के जरिये कहा है कि ताइवान की आड़ में अमरीका उसे दबाने की कोशिश कर रहा है। अखबार में लिखा गया कि अमरीका के पास चीन को दबाने का दम नहीं है इसलिए ताइवान का सहारा ले रहा है।
चीन के आरोपों के बीच अमरीका का भी जवाब सामने आया है। नैंसी पेलोसी ने कहा है कि वह लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करती रहेंगी।
ताइवान से दक्षिण कोरिया पहुंचने के बाद नैंसी पेलोसी ने ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा कि, ‘ताइवान की जनता के साथ अमरीका खड़ा रहेगा। हम लोकतंत्र और मानवाधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
ताइवान से तनाव के बीच भारत ने चीन को सख्त लहजे में कहा है कि वो भारतीय सीमाओं से अपने फाइटर जेट दूर रखे। भारत ने पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास लड़ाकू विमान उड़ाने को लेकर चीन को सख्त चेतावनी दी है।
भारत ने चीन से अपने लड़ाकू विमानों को लद्दाख सीमा से दूर रखने के लिए कहा है। दरअसल, पिछले दिनों चीन के लड़ाकू विमान भारत की सीमा के काफी नजदीक आ गए थे।
चीन इससे पहले ही ताइवान पर कड़े प्रतिबंध लगा चुका है। दरअसल नैसी की यात्रा से पहले ही चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा के विरोध में ताइवान से कई वस्तुओं और फलों समेत अनेक खाद्य पदार्थों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले से ताइवान की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ने की संभावना है।
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