खबर रफ़्तार ,हरिद्वार:जिला अस्पताल में एक युवक की मौत के बाद उसका शव लेकर अमरोहा उत्तर प्रदेश गया एंबुलेंस चालक अजीब मुसीबत में घिर गया। अमरोहा पहुंचकर युवक की मां गायब हो गई और उसके पिता ने शव लेने से मना कर दिया। इतना ही नहीं, व्यक्ति का कहना था कि युवक उसका बेटा ही नहीं है।
अजीब मुसीबत में घिर एंबुलेंस चालक
एंबुलेंस चालक ने स्थानीय पुलिस बुलाई, लेकिन पुलिस ने भी उसे डांट कर हरिद्वार वापस भेज दिया। एंबुलेंस चालक करीब 150 किलोमीटर से दोबारा शव लेकर हरिद्वार पहुंचा। यहां जिला अस्पताल के चिकित्सा और स्टाफ ने भी शव को मोर्चरी में रखने से मना कर दिया। अब एंबुलेंस चालक परेशान है कि शव लेकर जाएं तो जाएं कहां।
जिला अस्पताल में कराया था भर्ती
पिरान कलियर के सालाना उर्स में आई खुर्शीदा बानो निवासी नौगांव, थावर का बाजार अमरोहा उत्तर प्रदेश 22 वर्षीय तस्कीन अहमद को अपना बेटा बताकर गुरुवार की रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।
महिला शव लेकर अमरोह पहुंची
शुक्रवार शाम पांच बजे युवक की मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद महिला ने एंबुलेंस चालक गुलाम नबी निवासी ज्वालापुर की एंबुलेंस से शव को लेकर अमरोहा चली गई। लेकिन महिला जब शव को लेकर घर पहुंची तो उसके पति ने शव बेटे का होने से ही इंकार कर दिया।
एंबुलेंस चालक को शव के साथ भेजा वापस
इस दौरान एकत्र हुए लोगों ने महिला को भी गायब कर दिया और शव वापस ले जाने की बात पर अड़ गए। मौके पर चालक ने स्थानीय पुलिस भी बुलाई, लेकिन पुलिस ने भी शव वापस लेकर जाने का फरमान सुना दिया।
अस्पताल भी करता रहा इनकार
इसके बाद वह शव लेकर सुबह वापस जिला चिकित्सालय पहुंचा, लेकिन अस्पताल चिकित्सकों ने भी साथ गई महिला के बिना शव लेने से साफ इनकार कर दिया। चालक कभी अस्पताल तो कभी कोतवाली के चक्कर काटता रहा।
परिजनों को सौंप दिया था शव
इस मामले में जिला चिकित्सालय हरिद्वार के द्वितीय प्रभारी डा चंदन मिश्रा का कहना है कि खुर्शीदा नामक मां अपने मृत बेटे का शव लेकर शाम सात बजे यहां से चली गई थी। जब किसी के साथ परिजन होते हैं तो शव उनको सौंप दिया जाता है।
घरवालों को ही करना है अंतिम संस्कार
अब उनके घर वाले शव ले रहे हैं या नहीं ले रहे हैं। यह उनकी जिम्मेदारी है। ऐसे में शव को वापस लेना भी हमारे लिए संभव नहीं है। अंतिम संस्कार उसके घर वालों को ही करना होगा। अगर इसमें कोई विवाद है तो पुलिस का सहयोग लेकर निपटाया जाए।
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