
खबर रफ़्तार, ऋषिकेश: अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य के वनंत्रा रिजॉर्ट को तोड़ने का मामला फिर गरमा गया है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता (एई) ने दावा किया है कि जिला पंचायत सदस्य उमरोली आरती गौड़ ने जेसीबी मंगवाई थी।वहीं आरती गौड़ का कहना है सहायक अभियंता किसी के दबाव में आकर झूठा आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सहायक अभियंता ने उनको बताया था कि एसडीएम और यमकेश्वर विधायक ने जेसीबी मंगवाई थी। लोक निर्माण विभाग की दुगड्डा डिवीजन के सहायक अभियंता सत्यप्रकाश राठौर ने एक चैनल को बयान दिया था कि रिजॉर्ट को तोड़ने के लिए उमरोली की जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने जेसीबी मंगवाई थी। इस संबंध में मीडिया ने सवाल किया तो आरती गौड़ ने लाइव कार्यक्रम में ही सहायक अभियंता को फोन लाइन पर ले लिया। आरती गौड़ ने उनसे इस संबंध में जवाब मांगा तो उन्होंने दोबारा आरोप दोहरा दिया।हालांकि, आरती ने बताया कि जब उनको सूचना मिली कि वनंत्रा रिजॉर्ट के बाहर जेसीबी पहुंची है तो उन्होंने सहायक अभियंता को फोन किया। उन्होंने पूछा कि जेसीबी किसके आदेश पर भेजी गई है। आरती गौड़ का दावा है कि सहायक अभियंता ने बताया कि एसडीएम प्रमोद कुमार और यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट ने जेसीबी मंगवाई थी।बताया कि विधायक ने दो-तीन बार जेसीबी भेजने के लिए फोन किया था। आरती ने कहा कि सहायक अभियंता ने माफी नहीं मांगी तो वह मानहानि का दावा करेंगी। आरती गौड़ ने सहायक अभियंता सत्यप्रकाश राठौर को निलंबित करने की मांग की है। वहीं, जब सहायक अभियंता से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन बंद था। वहीं, इससे पहले सामने आया था कि वनंत्रा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का आदेश जिला प्रशासन ने नहीं दिया था। इसके बावजूद रिजॉर्ट पर बुलडोजर किसने चलाया? इस बात का पता लगाने के लिए डीएम ने एसडीएम यमकेश्वर को जांच के निर्देश दिए थे।डीएम पौड़ी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि जिला प्रशासन ने रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने का कोई आदेश नहीं दिया था। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलते दिख रहा था। डीएम का कहना था कि एसडीएम से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं, एसआईटी पहले ही रिजॉर्ट की तोड़फोड़ में साक्ष्य मिटाने के आरोपों को खारिज कर चुकी है। एसआईटी के सदस्य और एएसपी पौड़ी शेखर सुयाल ने दावा किया कि पुलिस ने रिजॉर्ट और अंकिता के कमरे से मिले सभी साक्ष्यों को मुकदमा हस्तांतरित होने के अगले दिन ही जुटाकर सुरक्षित कर लिया था। उन्होंने बताया कि मीडिया और अन्य माध्यमों से सामने आने वाले तथ्यों को देखते हुए टीम दोबारा रिजॉर्ट में जांच के लिए पहुंची थी। कहा कि मामले से जुड़े सभी अहम साक्ष्य पुलिस के पास सुरक्षित हैं।
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