गोस्तोमेल एयरफील्ड पर रुस का कब्जा, कीव की ओर बढ़ रहे सैनिक
नई दिल्ली। रुस और यूक्रेन का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। रुस ने पहले दिन की लड़ाई में यूक्रेन में जबरदस्त तबाही मचाई है। रुसी सैनिकों ने गुरुवार को चेर्नाेबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायहेलो पोडोयक ने बयान जारी कर इसकी पुष्टि की। पोडोयक ने कहा, यूक्रेन ने चेर्नाेबिल पर नियंत्रण खो दिया है। हमारी सेना ने रुसी सैनिकों से भीषण जंग लड़ी। उन्होंने कहा रूसियों के इस मूर्खतापूर्ण हमले के बाद यह कहना असंभव है कि चेर्नाेबिल संयंत्र सुरक्षित है भी या नहीं। वहीं, जेलेंस्की ने कहा है कि पहले दिन की लड़ाई में कुल 137 लोगों की जान गई है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर तत्काल हिंसा रोकने की अपील की तथा सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम से अवगत कराया।
यूक्रेन पर रूस के हमले शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन जारी हैं। राजधानी कीव में सुबह 7 बड़े धमाके हुए। लोग रातभर घरों, सब-वे और अंडरग्राउंड शेल्टर में छिपे रहे। खाने-पीने से लेकर रोजाना की जरूरत की चीजों की कमी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लैक सी में रूस ने रोमानिया के एक शिप पर मिसाइल हमला किया। इसमें आग लग गई है। ये बेहद अहम खबर है। दरअसल, रोमानिया नाटो का मेंबर है और नाटो अब तक रूस के खिलाफ जंग में इसलिए नहीं कूदा, क्योंकि उसका कहना है कि यूक्रेन नाटो का मेंबर नहीं है। इसलिए, हम उसकी सीधी सैन्य मदद नहीं कर सकते। इसका मतलब यह है कि अब अमेरिका भी इस जंग में कूद सकता है, क्योंकि उसने साफ कहा था कि अगर किसी नाटो मेंबर पर हमला होता है तो वो कार्रवाई करने में वक्त नहीं लगाएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेनी विदेश मंत्रालय से की बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि यूक्रेनी विदेश मंत्री से फोन पर बातचीत हुई। उन्होंने वर्तमान स्थिति के बारे में अपना आकलन साझा किया। मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत कूटनीति और संवाद का समर्थन करता है।छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की दुर्दशा पर चर्चा की। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए उनके समर्थन की सराहना करते हैं।
यूक्रेन-पोलैंड सीमा की ओर बढ़ रहा 40 भारतीय छात्रों का समूह
यूक्रेन के लविव में स्थित डेनलो हेलितस्की मेडिकल विश्वविद्यालय के लगभग 40 भारतीय छात्रों का एक समूह निकासी के लिए यूक्रेन-पोलैंड सीमा की ओर बढ़ रहा है। उन्हें एक कॉलेज बस ने सीमा से लगभग 8 किलोमीटर दूर छोड़ा है।
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